हर ओर रही ‘गणपति बाप्पा मोरया’ की धूम
गाजेबाजे के साथ हुआ विघ्नहर्ता विनायक का आगमन

* लाडले बाप्पा के आगमन से भाविक हुए हर्षित
* शहर सहित जिले में हर ओर उत्साहपूर्ण माहौल
अमरावती /दि.28 – कल बुधवार 27 अगस्त को अमरावती शहर सहित जिले में हर ओर बडे गाजेबाजे के साथ ढोल-ताशे व आतिषबाजी के बीच अबीर-गुलाल उडाते हुए गणपति बाप्पा मोरया के जयघोष के साथ भाविक श्रद्धालुओं के घरों व सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों में विघ्नहर्ता विनायक श्री गणेश का जल्लोषपूर्ण ढंग से आगमन हुआ. अपने लाडले बाप्पा का स्वागत करते समय हर किसी का उत्साह अपार दिखाई दे रहा था. गत रोज गणेश चतुर्थी की तिथी दोपहर 3.40 बजे तक ही रहने के चलते इस मुहूर्त तक अधिकांश घरों में गणराया की स्थापना हो चुकी थी. सजेधजे मंडप व साजसज्जा के बीच बाप्पा विराजमान हुए. जिसके उपरांत भाविक श्रद्धलुओं ने अपने लाडले बाप्पा को मोदक व लड्डूओं सहित पुरणपोली का नैवेद्य अर्पित किया.
इसके साथ ही शहर के बुधवारा परिसर स्थित आझाद हिंद गणेश मंडल व नीलकंठ गणेश मंडल, खापर्डे बगीचा परिसर स्थित न्यू आझाद मंडल एवं श्रीकृष्णपेठ स्थित श्रीकृष्ण गणेशोत्सव मंडल द्वारा गाजेबाजे के साथ श्री गणेश की स्थापना की गई. जिसके तहत आझाद हिंद मंडल द्वारा भव्य-दिव्य शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें पारंपारिक दिंडी, झांकियां व लेझीम पथकों का समावेश किया गया. वहीं खापर्डे बगीचा परिसर स्थित न्यू आझाद मंडल ने विदर्भ का राजा व श्रीकृष्णपेठ गणेशोत्सव मंडल ने सृष्टि विनायक श्री गणेश की स्थापना की. इसके साथ ही हमालपुरा का राजा गणेशोत्सव मंडल ने भी गाजेबाजे के साथ गणेश स्थापना हेतु शोभायात्रा निकाली. विविध गणेशोत्सव मंडलों द्वारा निकाली गई शोभायात्राओं के चलते स्थानीय राजकमल चौक में अच्छी-खासी भीडभाड हो गई थी. जहां पर रास्ते के दोनों ओर विविध गणेशोत्सव मंडलों की शोभायात्राओं एवं आगमन जुलूस को देखने हेतु श्री गणेश भक्तों ने अच्छी-खासी भीडभाड कर रखी थी. जिन्हें गणेशोत्सव मंडलों द्वारा प्रसाद भी वितरित किया गया. इन शोभायात्राओं में केसरिया ध्वज को हाथों में लिए नऊवारी पहनी महिलाओं के पथक, लेझीम की लय पर नृत्य करते श्रद्धालु, डीजे, बैंड व ढोल-ताशे पथक, दिंडी, फुलमालाओं से सजे ट्रैक्टर ट्रॉली, हाथों में दंड व छत्र लेकर चल रहे भालदार व चोपदार के संग बडी शान के साथ विघ्नहर्ता विनायक की शोभायात्रा निकाली गई.
कल शाम होते ही शहर के आसमान में आकर्षक आतिषबाजी होती दिखाई देने लगी थी. साथ ही शहर में सर्वत्र डीजे व ढोल-ताशे के आवाज देर रात तक सुनाई दे रहे थे. जिस पर युवा जमकर थिरक रहे थे और सुरक्षा के लिए पुलिस का अच्छा-खासा बंदोबस्त था. बाप्पा का मंडलों में आगमन होने के उपरांत पूजा व महाआरती से एकदंत की स्थापना की गई. जिसके बाद भाविकों ने गणपति बाप्पा का पूरी श्रद्धा के साथ दर्शन किया.
* शहर में 547 व ग्रामीण में 1417 मंडल
इस बार शहर में 547 व ग्रामीण क्षेत्रों में 1417 सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों द्वारा श्री गणेश की स्थापना की गई है. सभी गणेशोत्सव मंडलों में आगामी 10 दिनों के दौरान एक से बढकर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रेलचेल रहेगी. साथ ही लगभग सभी स्थानों पर अनंत चतुर्दशी वाले दिन महाप्रसाद का भी आयोजन किया जाएगा. बता दें कि, गत वर्ष अमरावती जिले में 1803 गणेशोत्सव मंडलों द्वारा श्री गणेश की स्थापना की गई थी.
372 गांवों में ‘एक गांव एक गणपति’ की स्थापना
जिले में एक हजार से सात हजार की जनसंख्या रहनेवाले 372 गांवों में इस वर्ष ‘एक गांव एक गणपति’ की संकल्पना के तहत श्री गणेश की स्थापना की गई है. जिसके चलते संबंधित गांव में रहनेवाले सभी लोग श्री गणेश की आरती व पूजन करने हेतु एकत्रित होते है और इससे गांव की एकजुटता बढती है, ऐसी जानकारी जिला विशेष शाखा के पुलिस निरीक्षक किरण वानखडे द्वारा दी गई है. गत वर्ष जिले के 384 गांवों में ‘एक गांव एक गणपति’ की संकल्पना की तहत श्री गणेश की स्थापना हुई थी.
* शाडू मिट्टी के तीन लाख गणेश मूर्तियों की निर्मिती
जिले में इस वर्ष विविध स्थानों पर रहनेवाले मूर्तिकारों द्वारा शाडू मिट्टी से लगभग तीन लाख गणेश मूर्तियों की निर्मिती हुई. जिसमें से 70 हजार से अधिक मूर्तियों की गणेश चतुर्थी को स्थापना की गई, ऐसी जानकारी जिला कुंभार मूर्तिकला सुधार समिति के अध्यक्ष चरण कुचाडे द्वारा दी गई. अमरावती शहर में नेहरु मैदान को केवल शाडू मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमाओं की विक्री हेतु आरक्षित रखा गया था, जहां पर पीओपी से बनी मूर्तियों का एक भी स्टॉल नहीं था.





