हरिसाल के विजय दारसिंबे का सरपंच पद खारिज

जांच रिपोर्ट के बाद अमरावती प्रशासन का निर्णय

धारणी/दि.17-देश के पहले डिजिटल गांव के नाम से पहचाने जाने वाले हरिसाल ग्राम पंचायत में बडा राजनीतिक हंगामा हुआ है. महाराष्ट्र पंचायत राज अभियान के पहले सरपंच विजय दारसिंबे, जिन्हें सीधे जनता ने चुना था, उनका सरपंच पद अमरावती के अपर जिलाधिकारी गोविंदा दानेज ने एक अधिकृत आदेश से खारिज कर दिया है.
यह अहम आदेश उप सरपंच गणपत गायन और सदस्य प्रवीण पंडुले की शिकायत की पूरी जांच के बाद दिया गया, जिसमें सरपंच द्वारा की गई कई गडबडियों के बारे में बताया गया था. शिकायत के मुताबिक, सरपंच विजय दारसिंबे ने अपने पिता के नाम पर ‘घरकुल’ योजना का फायदा उठाया, जो उस समय वन विभाग में काम करने की वजह से अयोग्य थे. जांच में ग्राम पंचायत में अन्य सरकारी कामों में भी गंभीर अनियमितता, पद का दुरुपयोग व प्रशासकीय नियमों का उल्लंघन सामने आया. अपर जिलाधिकारी ने सभी सबूतों और जवाबों की जांच के बाद सरपंच का पद तुरंत खारिज करने का फैसला किया. इस आदेश से हरिसाल और पूरे मेलघाट इलाके में चर्चा शुरु हो गई है और लोगों का कहना है कि ग्राम पंचायत के अनुशासन पर सवाल उठाने वाली इस कार्रवाई ने प्रशासन का कठोर लेकिन पारदर्शी चेहरा सामने आया है. इस फैसले से हरिसाल ग्राम पंचायत में नए नेतृत्व का चयन करने की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है, और मेलघाट में स्थानीय राजनीति ने एक नया मोड ले लिया है.

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