हॉकर्स युनियन ने मनपा का किया घेराव
हजारों हॉकर्स धमके मनपा मुख्यालय पर

* तेज बारिश के बावजूद जारी रहा धरना आंदोलन
* अतिक्रमण हटाने के नाम पर रोजी-रोटी उजाडने का किया विरोध
* निगमायुक्त सौम्या शर्मा से प्रतिनिधि मंडल ने मिलकर सौंपा मांगों का ज्ञापन
अमरावती/दि.13 – विगत कुछ दिनों से अमरावती शहर के रास्तों व फुटपाथों पर अतिक्रमण के मकडजाल से मुक्त कराने हेतु मनपा आयुक्त सौम्या शर्मा चांडक के निर्देश पर मनपा प्रशासन ने समूचे शहर में युद्धस्तर पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरु करने के साथ ही सडकों एवं फुटपाथों के किनारे हाथठेले व खोके लगाकर व्यवसाय करनेवाले फुटकर विक्रेताओं को हटाना शुरु कर दिया है. मनपा की ओर से शुरु की गई इस कार्रवाई को अपने लिए अन्यायकारक बताते हुए हॉकर्स युनियन ने आज मनपा मुख्यालय का घेराव करने के साथ ही मनपा के मुख्य प्रवेशद्वार पर धरना आंदोलन भी किया. खास बात यह रही कि, आज दिनभर हुई तेज बारिश के बावजूद भरी बरसात में मनपा मुख्यालय के समक्ष सैकडों हॉकर्स डंटे हुए थे. जिन्होंने बारिश में भिगते हुए मनपा मुख्यालय के सामने जमीन पर बैठकर धरना दिया. साथ ही सडक किनारे व्यवसाय करते हुए अपनी गुजर-बसर करनेवाले लोगों को रोजी-रोटी से बेदखल करनेवाले मनपा प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
हॉकर्स युनियन के अध्यक्ष गणेश मारोटकर के नेतृत्व में किए गए इस धरना आंदोलन में शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से वास्ता रखनेवाले करीब एक हजार हॉकरों ने हिस्सा लिया. इन हॉकर्स का कहना रहा कि, वे कडी मेहनत-मशक्कत के साथ शहर में सडकों के किनारे छोटा-मोटा व्यवसाय करते हुए अपनी गुजर-बसर करते है. साथ ही विपरित हालत से जुझते हुए दो वक्त की रोटी कमाकर अपने परिवारों का पालनपोषण करते है. परंतु मनपा प्रशासन द्वारा आए दिन अतिक्रमण के नाम पर उनके व्यवसाय पर धावा बोला जाता है. साथ ही कई बार उनका पूरा साजो-सामान भी जब्त कर लिया जाता है. ऐसे में उनके समक्ष भूखों मरने की नौबत आन पडती है. साथ ही इन हॉकर्स ने यह आरोप भी लगाया कि, विगत कुछ समय से मनपा प्रशासन द्वारा शहर को अतिक्रमणमुक्त करने की मुहिम छेडी गई है. जिसके तहत जिन लोगों ने अपनी पक्की दुकानों के सामने पक्के अतिक्रमण कर रखे है, उन्हें हटाने या तोडने की बजाए यातायात में बिना कोई बाधा पैदा किए सडक किनारे अपना व्यवसाय करनेवाले फेरीवालों व हाथठेले वालों को निशाना बनाया जा रहा है. यह सीधे-सीधे मनपा की एकतरफा व भेदभावपूर्ण कार्रवाई है. जो सीधे-सीधे मेहनत-मजदूरी के साथ इज्जत की रोटी कमा रहे हॉकरों पर अन्याय व अत्याचार है.
इस समय हॉकर्स युनियन का यह भी कहना रहा कि, इससे पहले भी हॉकर्स युनियन ने अलग-अलग तरीकों से आंदोलन करते हुए मनपा के अधिकारियों का ध्यान अपनी समस्याओं की ओर आकर्षित करने का प्रयास किया था. लेकिन मनपा के अधिकारियों द्वारा हॉकर्स युनियन की ओर से उठाए गए मुद्दों व मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. ऐसे में हॉकर्स युनियन ने मनपा मुख्यालय का घेराव करते हुए मनपा के मुख्य प्रवेशद्वार पर धरना आंदोलन करने का निर्णय लिया है.





