महाराज रूपभजन चैरिटेबल अस्पताल में स्वास्थ्य जांच शिविर
200 से अधिक मरिजों ने लिया शिविर का लाभ

* डॉ. मयूरी आसुदानी ने दी जानकारी
अमरावती/ दि.7 – स्थानीय दरोगा प्लॉट स्थित महाराज रूपभजन चैरिटेबल अस्पताल में कल रविवार को सुबह 11 से 2 बजे तक स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन पूज्य समाधा आश्रम के पं.पू. शिवस्वरूप महासमरथ, ब्रम्हचारी सतगुरू शहंशाह 1008 बाबा शिवभजन महाराज साहेब के आशिर्वाद से व गद्दीनशिन स्वामी नारायण भजन साहिब के मार्गदर्शन में किया गया था. इस शिविर का 200 अधिक मरिजों ने लाभ लिया और अपनी समस्याओं का निराकरण करवाया. सभी मरीजों की समस्याओं का निराकरण शिबिर में उपस्थित आईवीएफ के माध्यम से डॉ. मयूरी आसुदानी ने किया.
समाधा आश्रम व महाराज रूपभजन चैरिटेबल अस्पतला के सहयोग से त्वचा, आर्थोपेडीक्स, शुगर, जनरल फिशियन, थायराईड व संतान प्राप्ती की समस्याका समाधान व मार्गदर्शन पर नि:शुल्क उपचार का लाभ दिया गया. सुबह से शिविर में लोगों की भीड उमड पडी. शहर में पहली बार संतान प्राप्ती की समस्या का समाधान व मार्गदर्शन शिविर का आयोजन किया गया था. जिसे उत्स्फुर्त प्रतिसाद दिया गया. ऐसी जानकारी आईवीएफ एंड फर्टीलीटी सेंटर की विशेषज्ञ डॉ. मयूरी आसुदानी ने दी.
डॉ. मयूरी आसुदानी ने बताया कि 50 से कम उम्र में महावारी का बंद होना यानी आप माता-पिता बनने का सुख प्राप्त नहीं कर सकते. यह धारणा गलत है. अब 50 साल की आयू से पूर्व माहावारी बंद होने पर भी आप आईवीएफ की मदद से माता-पिता बनने का सुख प्राप्त कर सकते है. जिन महिलाओं में पीसीओडीआ या पीसीएस की समस्या होती है उन्हें आईएफ की मदद से अपनी समस्या का निराकरण कर मां बनने का सुख प्राप्त हो सकता है. आम तौर पर अब युवा वर्ग करियर बनाने तथा अपने पैरों पर खडा होने के बाद शादी के बारे में सोचते है. जो दम्पति 30 साल के बाद शादी करते है उनके खुन की जांच कर एएएमएच को जांचा जाता है. जिसके आधार पर उन्हें आवश्यक उपचार सुविधा प्रदान कर बायलॉजिक ब्लॉक को ठिक करने अर्थात प्राकृतिक प्रक्रिया को ठीक करने की कोशिश की जाती है.
कुछ महिलाओं में बढती उम्र के साथ अंडो की क्षमता धिरे-धिरे कम होने लगती है. ऐसे में उस क्षमता को भी बढाने का प्रयास किया जाता है. बडे बुजुर्ग कहते है कि बच्चोें की शादी सही उम्र में होना जरूरी है यह बात सोलह आने सच हैं. 22 से 28 साल तक की उम्र में शादी करने से दोनों में ही पुरूष तथा महिला में फर्टीलीटी बनी रहती है. जिससे नैसर्गिक रूप से बच्चा पैदा करने में किसी भी प्रकार की दिक्कते नहीं आती. मगर अधिक उम्र में शादी कर रहे है और बच्चा पैदा करने में किसी भी प्रकार की समस्या हो तो अपने फर्टीलीटी एक्सपर्ट की सला अवश्य ले. डॉक्टर से जांच करवाएं.
डॉ. मयूरी आसुदानी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आईवीएफ की तकनीक खर्चिली है. लेकिन यह ‘फार्म ऑफ इन्व्हेस्टमेंट’ की तरह है जो आपके जीवन में खुशहाली भर देती है. इसलिए बच्चों के लालन- पालन में जितना खर्च आता है उससे कम पैसे में अगर हमें माता-पिता बनने का सुख प्राप्त हो तो उसे अपनाना चाहिए. साथ ही उन्होंने सलाह दी कि जिस आईवीएफ सेंटर में आप जा रहे हैं, उसकी पूरी जानकारी आपके पास होना आवश्यक है. इसके लिए सर्वप्रथम उस सेंटर का सक्सेस रेट, लोगों का फीटबैक जैसी चीजों को परखना जरूरी होता है, यह बातें भी उन्होंने शेयर की. इस शिविर में त्वचा विशेषज्ञ डॉ. हितेश खत्री ने 48 ऑर्थोपेडिक्स विशेषज्ञ डॉ. गौरव भुतडा ने 28 , शुगर अर्थात जनरल फिजिशियन डॉ. तुषार तरडेजा ने 74, थायराईड विशेषज्ञ डॉ. चंचल गोलछा ने 32 व संतान प्राप्ति में समस्या का समाधान व उपस्थितों को मार्गदर्शन का डॉ. मयूरी आसुदानी ने 32 मरीजों को लाभ दिया. थायराईड जांच केयर लैब मुंबई द्बारा 70 रुपये में थायराईड की जांच करवाई गई. कार्यक्रम को सफल बनाने वासुदेव बुधलानी, शरद दादलानी, नागपुर के दर्शनलाल हरवानी, नानकराम मुलचंदानी, संजय बत्रा, श्रावण राजवानी, राजा किंगरानी, राहुल केवलरामानी, सुमित खत्री, गुड्डू लालवानी, नितिन मुलचंदानी, विलास विरवानी, जितू असनानी, सुंदर मोटवानी, रमेश खत्री, वासुदेव झांबानी, यश नवलानी, सोनू नवलानी, अमरलाल डेम्बला, आशा गतफणे, राखी रावत, प्रीति छावडा सहित समाधा आश्रम के सेवाधारियों ने सेवा दी.





