देहातों में स्वास्थ्य सेवा मजबूत करनी होगी

प्रधान सचिव डॉ. विनायक निपुण के निर्देश

* मेलघाट के दौरे पश्चात कलेक्ट्रेट में बैठक
* हाईकोर्ट ने मांगी है 18 दिसंबर तक रिपोर्ट
अमरावती/ दि. 6-जिले के देहातों में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत तथा तत्पर करना होगा. माता और बाल मृत्यु रोकने नागरिकों का सहभाग आवश्यक है. स्वास्थ्य यंत्रणा मजबूत करने की प्रक्रिया गांवों से ही शुरू करने के प्रयास करने का आवाहन स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. विनायक निपुण ने किया. उन्होंने कहा कि जनहित याचिका के निमित्त मेल्रघाट जाकर ्रस्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखी और समझी.
डॉ. निपुण ने मेलघाट का दौरा करने के पश्चात आज याचिका कर्ताओं के साथ जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक की इस समय बाल विकास प्रकल्प आयुक्त कैलाश पगारे, संभागायुक्त श्वेता सिंघल, जिलाधीश आशीष येरेकर, धारणी के उपविभागीय अधिकारी सिध्दार्थ शुक्ला तथा अन्य विभागों के प्रमुख उपस्थित थे. उसी प्रकार याचिकाकर्ता पद्मश्री डॉ. रवीन्द्र कोल्हे, डॉ. आशीष सातव, एड बंडया साने भी उपस्थित थे. उन्होंने मेलघाट की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जानकारी दी.
रिक्त पद भर्ती आवश्यक
डॉ. निपुण ने कहा कि गांव देहातों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निराकरण हेतु रिक्त पदों की भर्ती महत्वपूर्ण है. उसके साथ ही स्थानीय नागरिकों का सहयोग महत्वपूर्ण रहेगा. उनमें जागरूकता के लिए अभियान चलाना पडेगा. मध्यम और दीर्घ अवधि के एक्शन प्लॉन तैयार करना उन्होंने जरूरी बताया.
किशोरवय में ही बच्चों पर ध्यान
मेलघाट परिसर में पर्यायी निजी स्वास्थ्य यंत्रणा नहीं है. ऐसे में वहां शासकीय मेडिकल सुविधाओं का महत्व बढ जाता है. मेलघाट में संपूर्ण परिदृश्य बदलने किशोर वयीन बच्चों पर ध्यान देना आवश्यक है. युवा और गांवों के नागरिकों को विश्वास में लेकर विकास का प्रारंभ करना होगा. अनेक वर्षो से चली आ रही समस्या के हल हेतु मिलकर काम करने की आवश्यकता पर भी डॉ. निपुण विनायक ने बल दिया.
एक्शन प्लान बनाकर काम
उन्होंने कहा कि बेशक स्वास्थ्य विषयक मामलों में संवेदनशील है. याचिका के निमित्त समस्याओं पर प्रभावी उपाय योजना के लिए आदिवासियों हेतु एक्शन प्लॉन बनाकर काम करना होगा. एक बार वह सिस्टम तैयार हो गया तो आदिवासियों में सतत स्वास्थ्य संबंधी उपाय योजना क्रियान्वित हो जायेगी. विभिन्न समस्याओं पर परिणामकारक असर होगा. दुर्गम क्षेत्र होने से यहां निजी- लोक सहभाग के बारे में भी विचार किया जायेगा.

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