अपने से कमजोर की मदद करना ही मानवता है
जेल अधीक्षक कीर्ति चिंतामणि का कथन

* 300 छात्रों को मदद प्रदान
अमरावती/दि.7-मानव सेवा से बड़ी सेवा नहीं है, ऐसे में समाज के हर व्यक्ति को अपने से कमजोर की मदद करना ही मानवता है. सहयोग की कड़ी बढ़ने पर मानवता अपने आप ही बढ़ती है, इसलिए जितना संभव हो, सभी को अपना सामाजिक योगदान देना चाहिए. सेवा कार्यों से मिलने वाला संतोष धन-दौलत से नहीं मांपा जा सकता है. जितना संभव हो, हर मानव को अपने से कमजोर मानव की मदद करनी चाहिए. सेवा कार्यों में युवाओं का प्रयास सराहनीय है, इस आशय का कथन अमरावती मध्यवर्ति केंद्रीय कारागार की जेल अधीक्षक कीर्ति चिंतामणि ने किया. वे महात्मा फुले महाविद्यालय पार्वतीनगर में वननेस मुक्तांगण बहुउद्देश्यीय संस्था द्वारा रविवार को आयोजित 300 गरीब और अनाथ बच्चों को स्कूल से जुड़ी सभी सामग्री किट के प्रदान मौके पर प्रमुख अतिथि के रूप में बोल रही थीं.
संस्था के अध्यक्ष अमित बनारसे की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में मनपा के सहायक आयुक्त भुषण पुसदकर, खोलापुरी गेट के थानेदार दिलीप वडगावकर, मेकअप आर्टिस्ट प्रीति काले, सुभाष दुबे, व्यंग चित्रकार बबलू यादव, इसीई फाऊंडेशन की साक्षी उमस, अभिलाष अग्रवाल, समाजसेवी डॉ.अजय बोंडे, विजय गायकवाड सहित अन्य मान्यवर उपस्थित थे. इस कार्य में कमलाकर भारगड, माहेश्वरी महिला मंडल की प्रभा झंवर, जयश्री लोहिया, प्रीति डागा का विशेष योगदान रहा. कार्यक्रम का संचालन गौरव चारथल ने किया. कार्यक्रम की सफलतार्थ संस्था के पंकज हादवे, वैष्णवी मोहोकार, शुभम बलखंडे, तन्मय वैतागे, प्रकाश पांडे, राहुल बेलसरे, वैभवी मिलखे, गौरव चारथल, वैष्णवी मिल्की, रंजना तायडे, प्रणिता पापलकर, गौरी बोन्डे, अक्षय मोने, सम्यक कडू, दिलीप भातकुलकर, आनंद बागडे सहित सभी सदस्यों ने प्रयास किया.





