1500 करोड के छिपे व्यवहार उजागर
तीन सहकारी बैंक लिप्त होने का अहवाल

* आयकर विभाग ने खोज निकाले गुप्त सौदे
नागपुर/ दि.24- रियल इस्टेट के व्यवहारों में कथित रूप से गुप्त सौदे छिपाने के कारण पूरे विदर्भ में उप निबंधक कार्यालयों पर छापे मारनेवाले आयकर विभाग ने दावा किया कि उसने 1500 करोड के गुप्त आर्थिक लेन देन को उजागर किया है. जिसमें नागपुर की दो और बुलढाणा की एक सहकारी बैंक भी कथित रूप से लिप्त बताई जा रही है. आयकर विभाग की इस पडताल और धमाकेदार अहवाल के बाद बडे स्तर पर हलचल मचने की जानकारी है. आयकर डिपार्टमेंट का कहना है कि पिछले पांच वर्षो से यह सब चल रहा था. असल सौदों को छिपाया जा रहा था.
उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग ने अमरावती से लेकर हिंगणा, खामगांव, मलकापुर और अकेाला एवं नागपुर जिले के कई उपनिबंधक कार्यालयों पर धडक देकर गोपनीय व्यवहार की सघन पडताल शुरू की थी.
विभाग ने पडताल में सूत्र दर सूत्र जाते हुए काफी व्यवहार खोज निकाले हैं. काला धन छिपाने के लिए ही बडे प्रमाण में गुप्त रूप से मनी लॉड्रींग की गई है. डिजिटल लेन देन रिकार्ड में कुछ लेन देन एसएफटी से जानबूझकर नदारद रहने की बाद भी आयटी विभाग के ध्यान में आयी.
जांच में सबसे पहले हिंगणा के उप निबंधक कार्यालय में आयकर अधिकारियों ने गत अगस्त में इस प्रकार के गोपनीय व्यवहारों का पता लगाया था. जिसके बाद पडताल में खुलासा हुआ कि एसएफटी से काफी व्यवहार हटा दिए गये. जिसके बाद विभाग ने अनेक दफ्तरों पर छानबीन की. इस पडताल में बताया गया कि 30 लाख से अधिक के व्यवहार गुप्त रखे जाने की कोशिश हुई है.
एक रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने सहकारी बैंक व्यवहारों और अनिवार्य एसएफटी सबमिशन में हजारों करोड के व्यवहारों का खुलासा किया है. जो छिपाने की भरसक कोशिश की गई थी. एक अधिकारी ने नियमों का हवाला देकर कहा कि इसमें आर्थिक जुर्माना, अनुशासनहीनता की कार्रवाई संबंधित अधिकारियों पर हो सकती है. इस प्रकार की पडताल डिजिटल व्यवहारों से करते हुए चैनल दर चैनल फंड का पता लगाया गया है. अब सभी संस्थानों में आयकर विभाग इस प्रकार से पडताल कर बडे अर्थ व्यवहारों की जांच करने जा रहा हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक खांमला उपनिबंधक कार्यालय के सर्वे में ही आयटी विभाग ने तीन हजार करोड के गोपनीय व्यवहारों की आशंका व्यक्त की है. इसी कार्यालय पर पिछले दिनों राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने छापा मारा था. एक अधिकारी को निलंबित किया गया था. अभी भी कई बडे व्यवहार आयटी के रडार पर रहने की जानकारी दी गई है.





