कानून व्यवस्था बनाए रखने हिन्दी अनिवार्यता रद्द
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष चव्हाण का कहना

मुंबई/ दि. 10- मराठी भाषा के मुद्दे पर राज और उध्दव ठाकरे बंधुओं द्बारा मोर्चा निकाले जाने की घोषणा से प्रदेश में कानून और सुव्यवस्था की समस्या टालने एवं पावस सत्र सरलता से चलाने के उद्देश्य से कक्षा पहली से त्रिभाषा सूत्र लागू करने का जीआर रद्द किया गया. यह जानकारी बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष रवीन्द्र चव्हाण ने एक साक्षात्कार में दी. उन्होंने कहा कि डॉ. नरेंद्र जाधव समिति का अहवाल आने के पश्चात राज्य शासन हिन्दी के बारे में उचित निर्णय करेगा.
बीजेपी के नवनिर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष में कहा कि प्रदेश में मराठी अनिवार्य रहने के साथ तीसरी भाषा का सूत्र तत्कालीन उध्दव ठाकरे सरकार ने अपनाया था. मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सरकार ने इसके विपरीत तीसरी भाषा ऐच्छिक बनाकर अन्य भाषाओं का भी पर्याय दिया. चव्हाण ने कहा कि वोटों के लिए भाषा का भ भावना का बनाया गया सत्र शुरू था. ऐसे में मोर्चे की घोषणा के कारण त्रिभाषा सूत्र का निर्णय केंसल किया गया.
चव्हाण ने प्रश्न के उत्तर में कहा कि मीरा भायंदर में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के मोर्चे दौरान पदाधिकारियों को डिटेन किए जाने संबंधी विषय में मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दे दिए है. स्थानीय निकाय चुनाव के संदर्भ में बीजेपी नेता ने स्पष्ट किया कि कोर्ट के आदेशानुसार चुनाव होंगे और महायुति एकत्र यह चुनाव लडेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी कभी भी चुनाव का सामना करने के लिए तैयार है.





