होमियोपैथ को एलोपैथी प्रैक्टिस का कडा विरोध
आयएमए की सांकेतिक हडताल सफल

* इमरजेंसी सेवा छोडकर निजी अस्पताल, क्लीनिक बंद
* 24 घंटे की हडताल कल सुबह 8 बजे तक
* जिले के सैकडों डॉक्टर्स सहभागी
अमरावती/ दि. 18-इंडियन मेडिकल असो. आईएमए में सीसीएमपी मुद्दे पर आखिरकार अपना रूख कडा करते हुए आज 18 सितंबर को एक दिवसीय सांकेतिक हडताल सफल रहने का दावा कर कहा कि केवल इमरजेंसी सेवा छोडकर सभी अस्पताल और क्लीनिक बंद रहे. अमरावती आयएमए की अध्यक्ष डॉ. अलका कुथे, सचिव डॉ. राधा सावदेकर और पूर्व प्रदेशाध्यक्षव डॉ. दिनेश ठाकरे ने आज दोपहर आयएमए के कैम्प रोड स्थित भवन में निषेध सभा को संबोधित किया. जिसमें आगे राज्य आयएमए से आनेवाले निर्देश के अनुसार आंदोलन तीव्र करने की बात कही गई.
अमरावती मंडल को अध्यक्ष डॉ. अलका कुथे ने बताया कि दोपहर डॉक्टर्स प्रदर्शन किया गया. सैकडों की संख्या में आयएमए के सभासद हडताल में सहभागी होने का दावा कर उन्होंने कहा कि जिले के सैकडों अस्पताल, क्लीनिक कल बंद रहें. सूत्रों ने अमरावती मंडल को बताया कि यह हडताल आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संतोष कदम के ऐलान के अनुसार 24 घंटे की रहेगी. हडताल 18 सितंबर को सुबह 8 बजे शुरू होगी. 19 सितंबर को सुबह 8 बजे तक सांकेतिक हडताल के तहत क्लीनिक व अस्पताल बंद हैं.
मरीजों की सुरक्षा प्राथमिकता
उल्लेखनीय है कि इंडियन मेडिकल असो. ने राज्य सरकार के गत 11 जुलाई के परिपत्रक का निषेध किया है. यह परिपत्रक होमियोपैथी डॉक्टर्स को 6 महीने का सीसीएमपी अभ्यासक्रम पूर्ण करने पर महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल में पंजीयन और प्रैक्टीस का अधिकार देता हैं. आईएमए ने गत 5 सितंबर के परिपत्रक को रद्द करने, हाईकोर्ट का निर्णय आने तक कोई क्रियान्वयन न करने एवं आधुनिक चिकित्सा पध्दति की पवित्रता एवं मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांगे राज्य सरकार के सामने रखी है.
लोगों की जान को खतरा
आईएमए का कहना है कि राज्य के फैसले से मरीजों की सुरक्षा को गंंभीर खतरा होगा. आधुनिक चिकित्सा शिक्षा और व्यवसाय की गुणवत्ता कम होगी. एनएमसी और एमएमसी के कानून का उल्लंघन होगा, अपूर्ण प्रशिक्षित डॉक्टर्स मरीजों पर उपचार करेंगे तो सीधे उनकी जान से खिलवाड रहेगा. आईएमए के प्रतिनिधि मुंबई में आजाद मैदान से मोर्चा निकालेंगे और बेमियादी भूख हडताल भी करने की चेतावनी दी है.
आंदोलन में डॉ. संदीप दानखडे, डॉ. आनंद काकाणी, डॉ. सिकंदर आडवाणी, डॉ. मुरली बूब, डॉ. श्रीगोपाल राठी, डॉ. अजय डफले, डॉ. पंकज घुंडियाल, डॉ. तापडिया, डॉ. विक्रम देशमुख, डॉ. भूपेश भोंड, डॉ. नितिन दातीर, डॉ. अनिल बजाज, डॉ.धीरज सवाई, डॉ. जयप्रकाश बनकर, डॉ. तृप्ती दानखडे, डॉ. श्रेया गांधी, डॉ. नीलिमा ठाकरे, डॉ. जावरकर, डॉ. लक्ष्मी भोंड, डॉॅ. आशीष डगवार, डॉ. रोहण बोबडे, डॉ. अभिजीत देशमुख, डॉ. सीमा हरवाणी, डॉ. पुष्पा थोरात, डॉ. दिनेश वाघाडे, डॉ. धीरज बारब्दे, डॉ. स्वप्निल रूद्रकार, डॉ. नीलेश पाचकवडे, डॉ. आशीष साबू, डॉ. अजय डफले, डॉ. सावजी, डॉ. राठी, डॉ. कावलकर, डॉ. रितेश आडवानी, डॉ. आरती मुरके, डॉ. सालुंके, डॉ. संगीता गावंडे, डॉ. मोनिषा पाटिल, डॉ. मुकुंद गुजरकर, डॉ. अनिल रोहणकर, डॉ. अविनाश चौधरी, डॉ. उमक, डॉ. पानट, डॉ. भोयर, डॉ. जवादे, डॉ. घुुंडियाल, डॉ. हंतोडकर, डॉ. माधुरी अग्रवाल, डॉ. मोना आडतिया, डॉ. शीतल पोटोडे, डॉ. अश्विनी देशमुख, डॉ. खांदेवाले, डॉ.् नवीन सोनी, डॉ. नवीन चौधरी, डॉ. नितिन गावंडे, डॉ. नितिन सोनोने, डॉ. देशमुख आदि अनेक की उपस्थिति रही.





