लायसेंसधारी स्कूल बसें अवैध कैसे ?
स्कूल बस संचालकों का सम्मेलन

* अध्यक्ष रवि गुल्हाने का प्रश्न
अमरावती/ दि. 16 – विद्यार्थी देश के भविष्य हैं. उनका सुरक्षित यातायात का जिम्मा हमारा है. जिले में लायसेंसधारी शालेय विद्यार्थी यातायात अवैध कैसे कहा जा सकता है ? यह प्रश्न अंबानगरी शालेय विद्यार्थी वाहतुक संगठन के अध्यक्ष रवि गुल्हाने ने रविवार को आयोजित जिला सम्मेलन में किया.
सम्मेलन में प्रमुख अतिथि के रूप मेंं सुनील राणा, महाराष्ट्र राज्य विद्यार्थी वाहतुक महासंघ के संस्थापक हरीश बेकावडे, महासंघ के अध्यक्ष पांडुरंग हुमने, पूर्व नगर सेविका सुमति ढोके, आरटीओ के वाहन निरीक्षक अमोल भोरे, तानाजी बादल बारामती, श्रीकांत देशमुख, संतोष गोडे नवी मुंबई प्रमुखता से उपस्थित थे.
आरटीओ करता भेदभाव
अध्यक्ष गुल्हाने ने दावा किया कि ट्रांसपोटर्स की अनेक समस्याएं है. उनके साथ आरटीओ और यातायात पुलिस भेदभाव करता है . शाला प्रशासन भी एग्रीमेंट करने में टालमटोल करते हैं. पार्किग के लिए शाला में जगह भी नहीं दी जाती. अनेक जगह ट्रैफिक की समस्या पैदा होती है. एक ओर आरटीओ स्कूल वैन को 20 वर्ष का लायसेंस देता है. जबकि स्कूल बस संचालकों को 15 वर्ष का लायसेंस दिया जाता है. यह पक्षपात नहीं है तो क्या है ?
जिले में बनाया बचत गट
अंबा नगरी शालेय विद्यार्थी वाहतुक संगठन की ओर से जिले में स्कूल वैन और बस ऑपरेट करनेवाले का बचत गट स्थापित किया गया है. जिसके माध्यम से 1 लाख तक ऋण उपलब्ध कराया जाता है. यह व्यवसाय 10 महीने का है. दो माह इन बस संचालकों को कई समस्याओं का मुकाबला करना पडता है. इसके लिए बचत गट महत्वपूर्ण हो गया है. प्रदेश में ऐसा बचतगट अन्यत्र नहीं है.
कार्यक्रम में वाहन निरीक्षक अमोल भोरे ने यातायात के नियमों की जानकारी दी. स्कूल बस- वैन चालकोंं से आवाहन किया कि नन्हें मुन्नों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर सावधानी से वाहन चलाए. कभी रांग साइड न चलाएंं. विद्यार्थियों को भी यातायात के नियमों की जानकारी दें. विधायक रवि राणा के बडे भाई सुनील राणा ने स्कूल बस-वैन संचालकों की समस्याओं के निराकरण का भरोसा दिलाया.
सम्मेलन में पंकज वानखडे, विकी मेंढे, रोशन नांदुरकर, सागर सवाई, अविनाश प्रभु, शुभम माटोडे, पीयूष देशमुख, राजेश हिरापुरे, प्रशांत रिठे, पिंटू तलवारे, किशोर देशमुख, सचिन राउत, नंदू तराड, कार्तिक कराले, गोपाल कराले, संदीप वाघ, रामराव इंगोले, अंकित मिश्रा, प्रणित इंगोले, धनंजय भटकर, दिनेश बिसणे, निशांत मिलके, शुभम गोले, राम गुल्हाने, राजू बिसणे, संतोष जोशी, ज्योतिबा रायकर, अभिषेक गोरे, नंदकिशोर खताले, अशोक भगोले, श्रीकांत गुल्हाने, सुरेश ठाकरे, अतुल पिपलकर आदि की उपस्थिति रही.





