6 साल सत्ता में रहने के बाद अब अचानक ड्रग्ज की याद कैसे?

शहर युवक कांग्रेस ने विधायक खोडके दंपति की सक्रियता पर उठाए सवाल

* दोनों जनप्रतिनिधियों सहित पुलिस पर लगाया अकार्यक्षम होने का आरोप
अमरावती/दि.11 – अजीत पवार गुट वाली राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य संजय खोडके सहित अमरावती की राकांपा विधायक सुलभा खोडके ने राज्य विधान मंडल के जारी पावस सत्र के दौरान अमरावती में होनेवाली एमडी ड्रग्ज व अन्य मादक पदार्थों की तस्करी के मुद्दे को बडे जोरशोर से उठाया है. जिसकी टाइमिंग पर सवालिया निशान उठाते हुए अमरावती शहर युवक कांग्रेस के पदाधिकारियों द्वारा सवाल उपस्थित किया गया कि, विगत 6 वर्षों से सत्ता का उपभोग कर रहे विधायक खोडके दंपति को अब अचानक अमरावती शहर में होनेवाली ड्रग तस्करी व विक्री की याद कैसे आई और इतने वर्षों तक वे दोनों इस मुद्दे को लेकर चुप्पी क्यों साधे हुए थे. साथ ही साथ युवक कांग्रेस के पदाधिकारियों का यह भी कहना रहा कि, विधायक खोडके दंपति द्वारा विधानसभा में उठाए गए मुद्दों से यह स्पष्ट है कि, अमरावती शहर में ड्रग तस्करी व विक्री हो रही है. जिसके चलते अब अमरावती शहर पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है.
अमरावती शहर युवक कांग्रेस की ओर से विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष वैभव देशमुख, पूर्व प्रदेश सचिव समीर जवंजाल, प्रदेश सचिव सागर कलाने व योगेश बुंदेले, शहर उपाध्यक्ष अनिकेत ढेंगले व संदेश जैन ने यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि, राज्य विधान मंडल के जारी पावस सत्र में विधायक संजय खोडके ने अमरावती शहर में ड्रग्ज सहित अन्य मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर एक बडा रैकेट सक्रिय रहने और ड्रग तस्करों को पुलिस विभाग की ओर से लाभ मिलने का मुद्दा उठाया था. जिसके चलते जहां एक ओर पुलिस की कार्यकुशलता पर सवालिया निशान उपस्थित हुए है, वहीं खुद खोडके दंपति भी सवालों के घेरे में खडे नजर आ रहे है. क्योंकि विगत 6 वर्षों से खोडके दंपति किसी न किसी रुप में पहले महाविकास आघाडी और फिर महायुति सरकार में शामिल रहे. विगत 6 वर्षों से जहां विधायक सुलभा खोडके अमरावती शहर की जनता के प्रतिनिधि के तौर पर काम कर रही है. वहीं अब संजय खोडके को भी विधान परिषद सदस्य के तौर पर नियुक्त व पुरस्कृत किया गया है. लेकिन इन 6 वर्षों के दौरान खोडके दंपति ने अमरावती में हो रही ड्रग तस्करी के खिलाफ एक बार भी स्थानीय स्तर पर आवाज नहीं उठाई, बल्कि अब वे सीधे इस मामले को विधान भवन में लेकर गए है. जिससे आम लोगों के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि, सत्ता पर पकड रहने के बावजूद स्थानीय स्तर पर कहीं खोडके दंपति की पकड ढिली तो नहीं. साथ ही युकां पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि, अमरावती की जनता काफी समझदार है और वे समझ गई है कि, विगत 6 वर्षों के दौरान खोडके के कार्यकाल में भी अमरावती शहर में नशे का अवैध कारोबार जमकर फला-फुला व फैला है. जिसके चलते शहर के कई युवा नशे की लत में फंस गए है. जिससे शहर में अपराध की दर बढ गई है तथा कानून व व्यवस्था के लिए समस्या पैदा होने लगी है. ऐसे में अपनी असफलता को देखते हुए अब खोडके द्वारा ड्रग तस्करी के मुद्दे को लेकर विधान भवन में मुद्दा उठाया जा रहा है.
* क्या कचरा ठेकेदारों के खिलाफ भी खोडके उठाएंगे आवाज?
इसके साथ ही युकां पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि, अमरावती शहर में कचरे व गंदगी की समस्या भी अपने-आप में एक बडा सिरदर्द है. ऐसे में इस समस्या के खिलाफ खडे होकर सफाई ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट में डालते हुए अपनी दक्षता साबित करने का खोडके के पास एक अच्छा अवसर है. जिसके चलते अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, क्या शहर में कचरा ठेकेदारों के खिलाफ भी विधायक खोडके द्वारा विधान परिषद में ध्यानाकर्षण के जरिए सवाल उठाया जाता है. साथ ही साथ युकां पदाधिकारियों द्वारा यह भी कहा गया कि, खोडके भले ही ऐसा करे अथवा न करें, लेकिन युवक कांग्रेस द्वारा अमरावती शहर की जनता के हित में सदैव सक्रिय रहते हुए आवाज उठाई जाएगी.

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