पति और जेठ ने ही की थी महिला चिकित्सक की हत्या

चरित्र पर संदेह में वारदात, दो माह से था प्लान

* 9 अप्रैल को दिया अंजाम
* मेडिकल के फिजियोथेरेपी विभाग में सहायक प्राध्यापक थीं अर्चना राहुले
नागपुर/दि.14-डॉ. अर्चना राहुले की चिकित्सक पति ने ही भाई की मदद से हत्या की है. चरित्र पर संदेह और अपमानजनक बर्ताव के चलते पति ने हत्या को अंजाम दिया जाना बताया है. पुलिस ने आरोपी पति डॉ. अनिल राहुले और उसके बड़े भाई राजू राहुले को गिरफ्तार किया है. वारदात में राजू के एक मित्र के भी लिप्त होने का पता चला है.हुड़केश्वर थाने के तहत लाड़ीकर लेआउट की यह घटना शनिवार रात सामने आई थी. मेडिकल कॉलेज के फिजियोथेरेपी विभाग में सहायक प्राध्यापक 50 वर्षीय डॉ. अर्चना राहुले की घर में हत्या की गई थी. रायपुर के निजी अस्पताल में असोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनिल राहुले ने रात 9.30 बजे घर पहुंचने पर घटना का पता चलना बताया था. उनका कहना था कि वह कई दिनों से घर नहीं आए थे. अर्चना दो दिनों से फोन नहीं उठा रही थी. इसके बाद वह नागपुर पहुंचे थे. जिस तरह डॉ. अर्चना की हत्या की गई थी, उससे आरोपी के बेहद करीबी होने का संदेह था. लोकेशन की जांच से डॉ. राहुले के 9 अप्रैल को भी नागपुर आने का खुलासा हुआ. कुछ देर बाद ही वह रायपुर लौट गए थे. जिससे पुलिस का संदेह गहरा गया. पुलिस को राहुले दंपति के रिश्तों में भी दरार होने का पता चला. पुलिस के सख्ती बरतते ही डॉ. राहुले ने सच्चाई बयां कर दी. डॉ. राहुले करीब आठ साल से रायपुर में तैनात है. उनका बेटा पुणे से एमबीबीएस कर रहा है. उनका भाई राजू भंडारा स्थित साकोली में रहता है. वह ट्यूशन क्लासेस लेता है. सूत्रों के अनुसार राहुले दंपति के चार-पांच माह से वैवाहिक रिश्ते खराब थे.
डॉ. राहुले के अनुसार अर्चना उनका अपमान करती थी. नागपुर आने पर उन्हें वक्त देने की बजाय कॉलेज के साथी चिकित्सकों और एक वकील से बात करने में व्यस्त रहती थी. इससे डॉ. राहुले को अर्चना के चरित्र पर संदेह होने लगा था. वह पत्नी से मारपीट करके जान से मारने की धमकी देते थे. डॉ. अर्चना ने अपनी बहन डॉ. नीमा सोनारे को भी पति के कृत्य की जानकारी दी थी.
डॉ. राहुले की मां बीमार है. वह बिस्तर पर ही रहती थी. अर्चना अपनी सास की सही तरीके से देखभाल नहीं कर पा रही थी. इससे राजू मां को अपने साथ साकोली ले गया था. राजू भी मां की अवस्था के लिए अर्चना को ही दोषी बताता था. उसने दो महीने पहले डॉ. राहुले से अर्चना को सबक सिखाने के लिए कहा था. इसके बाद से ही दोनों भाई हत्या की योजना को अंजाम देने में लगे हुए थे. तय योजना के तहत 9 अप्रैल की दोपहर डॉ. राहुले रायपुर से नागपुर पहुंचे. उनका भाई राजू भी साकोली से नागपुर आया. उसके साथ मित्र भी था. घर
से कुछ दूरी पर दोनों भाइयों की मुलाकात हुई. इस दौरान तय योजना पर चर्चा के बाद डॉ. राहुले घर पहुंचे. उन्होंने घर के दरवाजे खुले छोड़ दिए. शाम 5 बजे राजू घर आया. दोनों भाइयों ने रॉड से सिर पर हमला कर डॉ. अर्चना की हत्या कर दी. उसकी मृत्यु की पुष्टि होने पर नागपुर से चले गए. पकड़े जाने के बाद डॉ. राहुले और उनके भाई को अपराध की गंभीरता का अहसास हुआ है. योजना बनाते वक्त उन्होंने केस पुलिस के पास जाने पर मुंह नहीं खोलना तय किया था. पुलिस राजू के मित्र की भूमिका की जांच कर रही है. आरोपियों को 17 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में लिया गया है.
* शातिर दिमाग है शिक्षक भाई
डॉ. राहुले का भाई राजू शिक्षक होते हुए भी शातिर दिमाग है. उसने 9 अप्रैल को नागपुर आते वक्त अपना मोबाइल साकोली में ही छोड़ दिया. उसे पुलिस द्वारा लोकेशन देखने का पता था. एसटी से नागपुर आने के दौरान उसने एक सहयात्री का मोबाइल मांगकर भाई से बात की. वह यह भूल गया कि भाई के मोबाइल से उसका भेद खुल जाएगा. उसकी हत्या के लिए उकसाने में उसकी अहम भूमिका है. उसका मानना है कि अर्चना ने उसके भाई का भविष्य खराब करने के साथ मां का तिरस्कार भी किया था.
* पति का संदेह झूठा साबित हुआ
पुलिस की जांच में डॉ. राहुले द्वारा पत्नी पर किया गया संदेह झूठा पाया गया है. डॉ. अर्चना पति और बेटे के ही संपर्क में रहती थी. उनकी साथियों से भी कामकाज को लेकर ही बात होती थी. डॉ. राहुले ने बेवजह पत्नी पर संदेह किया था. उनके संदेह से एक उच्च शिक्षित परिवार तबाह हो गया है. मां की हत्या और पिता के जेल जाने से बेटा गहरे सदम में है.

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