हत्यारोपी पति को आजीवन कारावास

अभियोजन पक्ष की ओर से एड. सोनाली क्षीरसागर की सफल पैरवी

अमरावती/दि.25- जिले की धामणगांव रेलवे तहसील में दत्तापुर पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2022 में घटित एक महिला की हत्या से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए जिला व सत्र न्यायाधीश क्र. 5 एस. पी. शिंदे ने उक्त महिला की हत्या करने के आरोप में उसके पति दिनेश सुधाकर खेडकर (36, अंजनसिंगी) को आजीवन कारावास तथा 2 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी अभियोक्ता एड. सोनाली क्षीरसागर ने सफलतापूर्वक पैरवी की.
इस मामले को लेकर जारी आरोप पत्र के मुताबिक दिनेश खेडकर की पत्नी सविता अपने पति द्वारा दी जानेवाली तकलिफों के चलते अपने 3 वर्षीय बच्चे को साथ लेकर अपने पति का घर छोड आई थी तथा वरुड के गजानन नगर परिसर स्थित एक ईंट भट्टी पर काम करते हुए वहीं पर मजदूरों के लिए बनाए गए कमरे में रहा करती थी. जहां पर 8 मार्च को सुधाकर उसे ढुंढते हुए पहुंचा और सीधे उसके कमरे में गया. इसके कुछ देर बार ईंट भट्टी पर काम करनेवाली अन्य महिला मजदूरों को सविता की जोर-जोर से चीखने-चिल्लाने की आवाज आई. जिसे सुनकर एक महिला मजदूर ने तुरंत ही सविता के कमरे में जाकर देखा, तो उसे एक व्यक्ति कविता के पेट पर चाकू मारता दिखाई दिया. जिससे कविता के पेट पर काफी गहरी जख्म हो गई थी. इस महिला मजदूर को देखते ही बुरी तरह से घायल सविता सहायता मिलने की आस में कमरे से निकलकर बाहर की ओर भागी, तो उसके पीछे आरोपी दिनेश खेडकर भी चाकू लेकर दौडा और ईंट भट्टी के पास निम के पेड के नीचे उसने सविता को पकडकर उस पर चाकू से सपासप वार किए. जिसके चलते सविता की मौके पर ही मौत हो गई. इस पूरी घटना को सविता के छोटे बेटे सहित ईंट भट्टी पर काम करनेवाले अन्य मजदूरों ने अपनी आंखों के सामने घटित होते देखा तथा इस घटना की जानकारी फोन के जरिए ईंट भट्टी संचालक गणेश आनंद गोठाने को दी. जिन्होंने मौके पर पहुंचने के साथ ही दत्तापुर पुलिस थाने पहुंचकर इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद दत्तापुर पुलिस ने भादंवि की धारा 302 के तहत अपराधिक मामला दर्ज करते हुए आरोपी दिनेश खेडकर को गिरफ्तार किया तथा मामले की जांच पूरी करते हुए अदालत के समक्ष चार्जशीट पेश की गई. जहां पर अभियोजन पक्ष की ओर से 6 गवाह प्रस्तुत किए गए. जिसमें से 4 गवाह प्रत्यक्षदर्शी साक्षीदार थे, जिन्होंने पहचान परेड में भी आरोपी को पहचाना था. ऐसे में अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए गवाहों व सबूतों के आधार पर जिला व सत्र न्यायाधीश क्र. 5 एस. पी. शिंदे की अदालत ने दिनेश खेडकर को अपनी ही पत्नी सविता खेडकर की हत्या के आरोप में भादंवि की धारा 302 के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास तथा 2 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना अदा नहीं करने पर दिनेश खेडकर को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक सरकारी वकील व अतिरिक्त शासकीय अभियोक्ता एड. सोनाली क्षीरसागर ने सफलतापूर्वक पैरवी की. जिन्हें इस मामले में जांच अधिकारी एपीआई प्रियंका चौधरी, महिला पोकां अर्चना डांगे व कोर्ट पैरवी दिलीप सावरकर की ओर से काफी सहयोग प्राप्त हुआ.

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