जो सरकार आवारा कुत्ते नहीं पकड़ पा रही, वह तेंदुए कैसे पकड़ेगी?

राकांपा विधायक जयंत पाटिल ने कसा तंज

* विधानभवन परिसर में आवारा कुत्तों का बढा उत्पात
* नागपुर मनपा की टीम कुत्ते पकडने में रही नाकाम
नागपुर/दि.11 – राज्य में हाल के दिनों में तेंदुए के हमलों और आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है. इसी मुद्दे पर गुरुवार को राष्ट्रवादी (शरद पवार) गट के वरिष्ठ नेता व विधायक जयंत पाटिल ने सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि, जो सरकार आम लोगों को काटने वाले कुत्ते तक नहीं पकड़ पा रही, वह तेंदुए को कैसे पकडेगी.
बता दें कि, राज्य विधानमंडल के शीतकालीन अधिवेशन के दौरान विधानभवन परिसर में बड़ी संख्या में आवारा कुत्ते दिखे और पहले ही दिन दो-तीन कुत्ते स्वागत के लिए बिछाए गए रेड कार्पेट पर आराम करते नजर आए. गुरुवार सुबह इन्हें पकड़ने नागपुर महापालिका की गाड़ी परिसर में पहुंची, लेकिन कर्मचारी एक भी कुत्ता पकड़ नहीं सके और खाली हाथ लौटना पड़ा. इसी पृष्ठभूमि पर शरद पवार गुट वाली राकांपा के विधायक जयंत पाटिल ने सरकार की कार्यक्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब सरकार विधानभवन परिसर के कुत्ते नहीं पकड़ पा रही है, तब बाघ व तेंदुए जैसे खतरनाक वन्यजीवों को कैसे काबू करेगी?
इसके साथ ही विधायक जयंत पाटिल ने कहा कि, भले ही राज्य सरकार ने 32 जीआर जारी कर 21 हजार करोड़ रुपये की सहायता देने का दावा किया है. लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में किसानों तक यह मदद पहुँची नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार चाहे कुछ भी दावा करे, लेकिन किसानों का संतोष नहीं हुआ है. चार दिन के अधिवेशन में किसानों को न्याय नहीं मिलता.
इसके अलावा संभावित विधानसभा चुनावों पर बोलते हुए पाटिल ने संकेत दिया कि महाविकास आघाड़ी आने वाले चुनाव में जहाँ संभव होगा, वहाँ एकजुट होकर मुकाबला करेगी. विधानभवन परिसर में कुत्तों को पकड़ने में नाकामी के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं. आवारा श्वानों और तेंदुए के हमलों के बढ़ते मामलों से जनता में भी चिंता का माहौल है.

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