नया नहीं बना सकते, तो कम से कम बना-बनाया ही ठीक से चलाओ

पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने जनप्रतिनिधियों पर साधा निशाना

* सुपर स्पेशालिटी में चल रही डॉक्टरों की हडताल पर जताया संताप
* किडनी ट्रांसप्लांट सहित सैकडों गरीब मरीजों के ऑपरेशन लटकने की बात भी कही
अमरावती/दि.30 – स्थानीय विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल यानि सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल के विशेषज्ञों डॉक्टरों द्वारा जुलाई 2024 से उनका मानधन बकाया रहने के चलते काम बंद आंदोलन करना शुरु किया गया है. जिसके चलते इस अस्पताल में कैंसर, किडनी व हृदयरोग संबंधी शल्यक्रियाएं रुक गई है. जिसके चलते सर्वसामान्य वर्ग से वास्ता रखनेवाले मरीजों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. ऐसे में अमरावती के पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने इसे लेकर तीव्र संताप व्यक्त करते हुए कहा कि, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते यह स्थिति पैदा हुई है. साथ ही उन्होंने यह कहते हुए भी अपना रोष व्यक्त किया कि, यदि मौजूदा जनप्रतिनिधि कोई नई व्यवस्था को शुरु नहीं सकते है, तो उन्होंने कम से कम उपलब्ध व्यवस्था को ही ढंग से चलाने पर ध्यान देना चाहिए. ताकि लोगों को बिना वजह की तकलीफों का सामना न करना पडे.
सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा की जा रही हडताल के संदर्भ में यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख द्वारा कहा गया कि, जिस समय वे खुद अमरावती के विधायक और राज्य मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री हुआ करते थे, तब उनकी ही संकल्पना से वर्ष 2008 में अत्यंत सुसज्ज ऐसा विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल, अर्थात् सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल की नींव रखी गई थी और तब से लेकर आज तक यह अस्पताल केवल जिले के ही नहीं, बल्कि पूरे विभाग के गरीब मरीजों को शस्त्रक्रियाओं हेतु बड़ी सुविधा प्रदान करता रहा है. ये शस्त्रक्रियाएँ अत्यंत महँगी होने के कारण गरीब नागरिकों के लिए संभव नहीं थीं, जिसके चलते अनेक नागरिक उपचार के अभाव में मृत्यु को प्राप्त हो रहे थे. इसी कारण सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल की स्थापना की गई थी. लेकिन अब इस अस्पताल की भी स्थिति खराब हो गई है. पिछले एक सप्ताह से सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल के सभी स्पेशालिस्ट डॉक्टर उनका एक वर्ष से मानधन न मिलने और मानधन बढ़ाने की माँग पर हड़ताल पर चले गए हैं. इसके चलते 11 किडनी ट्रान्सप्लांट जैसे अति आवश्यक ऑपरेशन तथा 300 से 400 से अधिक मरीजों के किडनी, पीडियाट्रिक, प्लास्टिक सर्जरी और हृदय के ऑपरेशन ठप पड़ गए हैं. यह अमरावतीकर जनप्रतिनिधियों के लिए अत्यंत शर्मनाक बात है.
पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने इस प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा कि, एक ओर जिले के पालकमंत्री नियोजन समिति की बैठक में मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य और सबके लिए घर इन विषयों को प्राथमिकता देने का प्रशासन को कड़ा निर्देश देते हैं, वहीं दूसरी ओर सुपर स्पेशालिटी जैसे गरीब मरीजों की जीवनरेखा अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर हैं, उस हड़ताल का समाधान निकले, इस पर जिला नियोजन समिति की बैठक में एक शब्द भी किसी जनप्रतिनिधि ने नहीं कहा और न ही प्रशासन के जिला शल्यचिकित्सक ने यह बात पालकमंत्री के ध्यान में लाई. यह अत्यंत लज्जाजनक है. वर्तमान जनप्रतिनिधियों से कुछ नया निर्माण होने की अपेक्षा ही नहीं है. लेकिन पहले से बनी-बनाई सुपर स्पेशालिटी जैसी गरीब मरीजों के लिए स्थापित व्यवस्थाओं को भी सुरक्षित रूप से चला न पाना, उनकी अकार्यक्षमता का जीता-जागता उदाहरण है, इन शब्दों में डॉ. सुनील देशमुख ने पूरे प्रकरण पर तंज कसा.
इस प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि, वर्ष 2004 से 2009 के बीच डॉ. सुनील देशमुख के पालकमंत्री कार्यकाल में गरीब मरीजों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल का संचालन शुरू किया गया था. इसमें किडनी संबंधी शस्त्रक्रिया, बच्चों (पीडियाट्रिक) की शस्त्रक्रिया और प्लास्टिक सर्जरी, इन तीन विषयों का समावेश था. उस समय शस्त्रक्रिया करने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे, इसलिए अमरावती शहर के संबंधित विषय के प्रसिद्ध डॉक्टरों की सेवा लेकर यह अस्पताल शुरू किया गया था. तब प्रति शस्त्रक्रिया जो दर तय किए गए थे, उसमें आज तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. पूर्व में भी शासन स्तर पर डॉक्टरों के मानधन का बकाया रहने की घटनाएँ हुई हैं. लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा समय पर शासन स्तर पर अनुशरण करके उनकी देनदारी चुकाई जाती थी, जिससे डॉक्टरों को हड़ताल पर जाने की नौबत कभी सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल पर नहीं आई. साथ ही आज पूरे सात दिन बीत जाने के बाद भी किसी जनप्रतिनिधि ने इन डॉक्टरों से चर्चा करने अथवा हड़ताल का समाधान निकालने का शिष्टाचार तक नहीं दिखाया है, यह भी सामने आया है.
पूर्व पालकमंत्री डॉ. देशमुख के मुताबिक गरीब नागरिकों के स्वास्थ्य जैसे अत्यंत मूलभूत विषय पर जनप्रतिनिधियों की यह अनास्था अमरावतीकरों के लिए बेहद शर्मनाक है. सुपर स्पेशालिटी अस्पताल का दूसरा चरण बनाकर देने के बाद भी आज तक उसे पूर्ण क्षमता से कार्यान्वित न कर पाना, वर्तमान जनप्रतिनिधियों की अकार्यक्षमता का प्रमाण है. मस्तिष्क रोग, कैंसर और हृदय की शस्त्रक्रियाएँ, इन दूसरे चरण के तीन विषयों में कैंसर रोगियों के लिए रेडिएशन थेरेपी और हृदय शस्त्रक्रियाओं के लिए बायपास सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक यंत्रसामग्री पिछले चार वर्षों से मंजूर तो है, परंतु अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है. इसमें जनप्रतिनिधी पूरी तरह असफल रहे हैं. साथ ही पूर्व मंत्री डॉ. देशमुख ने यह सवाल भी उठाया कि, नए प्रकल्प की स्थापना तो दूर, तैयार की हुई स्वास्थ्य व्यवस्था भी सुव्यवस्थित रूप से और सुरक्षित तरीके से न चला पाने वाले ये जनप्रतिनिधि, क्या आम नागरिकों की स्वास्थ्य व्यवस्था को न्याय दे पाएंगे? यह अपने-आप में सबसे बडा सवाल है.
इसके साथ ही पूर्व मंत्री डॉ. देशमुख ने यह मांग भी उठाई कि, गरीब नागरिकों के स्वास्थ्य से जुड़े इस अत्यंत ज्वलंत विषय पर पालकमंत्री ने स्वयं ध्यान देकर सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों की मानधन बढ़ाने की माँग सहित उनकी थकी हुई देनदारी शासन स्तर से तुरंत अदा की जाए और गरीब मरीजों की शस्त्रक्रियाएँ तुरंत शुरू हो.

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