विधान मंडल में घोषित निलंबन कार्रवाई को तत्काल स्थगन दे.

महाराष्ट्र राज्य तहसीलदार,नायब तहसीलदार संगठन की मांग

* मांग पूरी न होने पर करेंगे कल से बेमियाद कामबंद आंदोलन
* मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को सौपा ज्ञापन
अमरावती /दि.18 – विधान मंडल मे राजस्व विभाग में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारीयों पर बिना किसी जांच के होने वाली निलंबन कार्रवाई के साथ विभाग में प्रदीर्घ काल से प्रलंबित आर्थिक एवं सेवा विषय मांगो का निपटारा करने में शासन स्तर पर देरी हो रही है. इस विषय को लेकर राजस्व विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों में नाराजगी दिखाई देने लगी है. इसके चलते महाराष्ट्र राज्य तहसीलदार व नायब तहसीलदार संगठन ने शुक्रवार 19 दिसंबर से बेमियाद काम बंद आंदोलन करने का फैसला लिया है. जिसमें इस आशय का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को सौपा.
महाराष्ट्र राज्य तहसीलदार व नायब तहसीलदार संगठन ने कहा की 12 दिसंबर को विधान मंडल में 4 तहसीलदार, 4 मंडल अधिकारी, 2 ग्राम राजस्व अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश दिए. इतना ही नही तो भंडारा के तत्कालीन उपविभागीय अधिकारी को निलंबित करने तथा तहसीलदार पर फैाजदारी कार्रवाई, पालघर में एक मंडल अधिकारी व ग्राम राजस्व अधिकारी पर निलंबन की कार्रवाइ की गई है. इस कार्रवाही को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए. इसके अलावा अन्य मामलो में जिन्हे गलत तरीके से निलंबित किया गया है. उन्हे भी पूर्व पदस्थापना दी जाए सभी निलंबन की कार्रवाई गौण खनिज को लेकर की गई है. इसमें महाराष्ट्र जमीन राजस्व अधिनियम 1966 के अनुसार ऐसे मामले में केवल दंडात्मक कार्रवाई कि जा सकती है.
अवैध गौण खनिज के लिए राजस्व विभाग के साथ पुलिस व परिवहन विभाग भी जिम्मेदार होता है. ऐसे में केवल राजस्व विभाग को हि दोषी करार देना अनुचित है. ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि. जिम्मेदारी के अनुसार कार्रवाइ करने के बाद भी अवैध गौण खनिज के लिए अगर हमें ही दोषी माना जाएगा तो विनंती है की अवैध गौण खनिज की कार्रवाइ नही करेंगे. साथ ही यह भी कहा गया कि सरकारी अधिकारी व कर्मचारी के निलंबन को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार आदेश जारी किए है. जिसमें भारतीय संविधान की सुरक्षा, प्राकृतिक न्यायातत्व व दर्ज नियमों के अनुसार अपेक्षित होने के बाद भी उस प्रकार कामकाज नही हो रहा है. ऐसे मामलो में निलंबन की कार्रवाई की आदर्श प्रणाली निश्चित की जाए, सुधारित ग्रृप पे व वेतन श्रेणी लागू करने का प्रस्ताव अभी भी प्रलंबित है.
जिसके कारण राजस्व विभाग के नायब तहसिलदार, राजस्व सहायक, ग्राम राजस्व अधिकारी, मंडल अधिकारी, सहायक राजस्व अधिकारी के वेतन पर प्रभाव पडने लगा है. राज्य के राजस्व सेवक संवर्ग के प्रलंबित मामले सभी संवर्ग कार्यलय के सुधारित आकृतिबंध को तत्काल मंजुरी, पुलिस विभाग की तरह नायब तहसिलदार पद के लिए विभाग निहाय परिक्षा, अर्ध न्यायालयीन व हक्क पंजीयन कामकाज को लेकर प्रशासकीय खामियों के लिए राजस्व अधिकारी व कर्मचारीयों के खिलाफ सिधे फौजदारी अपराध दर्ज करने के आदेश न दिए जाने की मांगे प्रमुखता से रखी गई है. यदी इन मांगों पर अमल नही किया गया तो कल शुक्रवार 19 दिसंबर से सभी राजस्व अधिकारी व कर्मचारी बेमियाद कामबंद आंदोलन शुरू करेंगे. ऐसी चेतावनी भी दी गई है. ज्ञापन सौपते समय तहसीलदार विजय लोखंडे, विवेक जाधव, चुनाव विभाग अधिकारी शिवाजी शिंदे, ब्रिजेश वसानी, निनाद लांडे, कमल गाठे, सौरभ वानखडे, पुजा मालोदे, जीवन मोरणकर, सागर ढवले, राम शेलके, अक्षय मंडने, मोरेश्वर फिस्के, रामानंद सरस्वती,डॉ निलेश खटके, पीपी ध्वले, नरेंन्द्र वोहरा, प्रविण राउत उपस्थित थे.

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