नकली नोट मामले में प्रभारी मुख्याध्यापक दिनेश गोरे निलंबित

हरदा जिले के टेंभुर्णी में नदी से बरामद हुई नकली नोट छापने की मशीन

* महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश तक फैला था नकली नोट छापने व चलाने का रैकेट
* मालेगांव की जेल में बंद मौलाना जुबेर लाता था नकली नोट छापने हेतु कागज
* भोपाल की गोकुलधाम सोसायटी में चलता था नकली नोट छापने का कारखाना
* प्रभारी मुख्याध्यापक गोरे सहित 3 आरोपी चढे हैं पुलिस के हत्थे, अन्यों की तलाश जारी
अमरावती/दि.27 – हाल ही में जिले की धारणी तहसील अंतर्गत पाडीदम गांव स्थित जिला परिषद शाला के प्रभारी मुख्याध्यापक दिनेश दीपक गोरे (43, साईनगर, धारणी) को खंडवा पुलिस ने नकली नोट चलानेवाले रैकेट में शामिल रहने के चलते अपनी हिरासत में लिया था. जिसके बाद भोपाल में रहनेवाले और 2 आरोपी खंडवा पुलिस के हत्थे चढे थे तथा यह जानकारी भी सामने आई थी कि, मालेगांव की जेल में बंद रहनेवाले मौलाना जुबेर द्वारा नकली नोटों की छपाई हेतु कागज उपलब्ध कराया जाता था और भोपाल में एक स्कैनिंग व प्रिंटींग मशीन के जरिए नकली नोटों की छपाई की जाती थी. इस जानकारी के सामने आते ही जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीता महापात्रा ने मामले की जांच हेतु तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी और इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर पाडीदम स्थित जिप शाला के प्रभारी मुख्याध्यापक दिनेश गोरे को निलंबित कर दिया गया है.
इस मामले को लेकर अब यह जानकारी भी सामने आई है कि, नकली नोट मामले का यह नेटवर्क अमरावती, नागपुर, चंद्रपुर व मूर्तिजापुर सहित मध्य प्रदेश के भोपाल तक फैला हुआ है. जिसके तहत मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित गोकुलधाम सोसायटी में डॉ. प्रतीक सुरेश नवलाखे व गोपाल उर्फ राहुल मांगीलाल पनवार द्वारा नकली नोटों की छपाई का कारखाना ही चलाया जाता था और फिर इन नकली नोटों को महाराष्ट्र लाकर चलाने का काम किया जाता था. नकली नोटों की छपाई के लिए आरोपियों द्वारा एक कलर प्रिंटर मशीन को प्रयोग में लाया गया था. जिसे सबूत नष्ट करने के उद्देश्य से हरदा जिले के टेंभुर्णी से होकर बहनेवाली नदी में फेंक दिया गया था. मामले के उजागर होने के बाद आरोपियों की निशानदेही पर खंडवा पुलिस ने टेंभुर्णी नदी से उक्त प्रिंटर को जब्त कर लिया है.
इसके साथ ही यह जानकारी भी सामने आई है कि, इस समय मालेगांव की जेल में रहनेवाले मौलाना जुबेर द्वारा नकली नोटों की छपाई हेतु लगनेवाला कागज उपलब्ध कराया जाता था और वह नोटों की कटींग भी किया करता था. इस जानकारी के सामने आते ही खंडवा पुलिस ने मालेगांव जेल में रहनेवाले मौलाना जुबेर को प्रोड्यूस वॉरंट पर अपने कब्जे में लिया. जिसे आज अदालत में हाजिर किया जाएगा. वहीं इससे पहले पकडे गए तीनों आरोपियों को 1 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश अदालत द्वारा जारी किया गया है और इस दौरान आरोपियों से इस बात को लेकर पूछताछ की जाएगी कि, उन्होंने महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश में नकली नोटों की खेप किन-किन लोगों को पहुंचाई थी.
पता चला है कि, पकडे गए आरोपियों ने मूर्तिजापुर, चंद्रपुर व नागपुर की यात्रा की थी. जिसके तहत तीनों स्थानों पर उन्होंने तीन अलग-अलग लोगों को नकली नोटों की खेप दी थी. ऐसे में आरोपियों से नकली नोटों की खेप लेनेवाले लोग कौन है तथा उन्होंने आगे चलकर इन नकली नोटों की खेप किन-किन लोगों को वितरित की और फिर नकली नोटों को किस तरह से चलन में लाया गया, इसकी अब पुलिस द्वारा सरगर्मी से तलाश की जा रही है.
* 19 नवंबर से लगातार गैरहाजिर था वह मुख्याध्यापक
नकली नोट मामले में पकडे गए प्रभारी मुख्याध्यापक दिनेश गोरे को लेकर यह जानकारी भी सामने आई है कि, वह विगत 19 नवंबर से अपनी शाला में लगातार गैरहाजिर चल रहा था. जिसके बाद उसका नाम नकली नोट मामले में सामने आया और उसे खंडवा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया. जिसके चलते जहां एक ओर अमरावती जिला परिषद प्रशासन द्वारा प्रभारी मुख्याध्यापक दिनेश गोरे को निलंबित कर दिया गया है, वहीं अब पुलिस द्वारा साईबर सेल की सहायता लेते हुए इस बात की जांच-पडताल की जा रही है कि, इस दौरान दिनेश गोरे कहां-कहां गया था और किन-किन लोगों के संपर्क में आया था.

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