जिले की कितनी शालाओं में शुरू होगी 5वीं, 8वीं की कक्षा
6 तहसीलों से जिप प्राथमिक शिक्षा विभाग को प्राप्त हुए प्रस्ताव

अमरावती / दि.19– विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और उन्हें सक्षम बनाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अमल किया जा रहा है. जिसमें कक्षा 4थीं को 5 वीं कक्षा तथा 7 वीं कक्षा को 8 वीं कक्षा से जोडा जा रहा है. नए शैक्षणिक वर्ष में कितनी शालाओं में 5वीं व 8वीं कक्षा जोडी जाएगी. अब तक जिले की 14 में से 6 तहसीलों से ही प्रस्ताव जिप प्राथमिक शिक्षा विभाग को प्राप्त हुई है. जिसमें 5 वीें से 10 वीं और 8 वीं के एक प्रस्ताव का समावेश है.
नए शैक्षणिक वर्ष में 5 वीं व 8 वीं कक्षा जिन शालाओं में जोडी जाएगी उन शालाओं ने शिक्षा विभाग को भिजवाए गए क्रम प्राप्त हुए है. लेकिन इस साल शालाओं ने नई कक्षा जोडने के संदर्भ में प्राप्त हुए प्रस्ताव के अनुसार जिला परिषद प्राथमिक शिक्षण विभाग ने राज्य के शालेय शिक्षा विभाग को कक्षा जोडने के प्रस्ताव के संबंध में मार्गदर्शन मंगवाया है. अब तक शासन की ओर से मार्गदर्शन प्राप्त नहीं हुआ है. जिसके कारण शिक्षा विभाग में फिलहाल कक्षा 5वीं और 8 वीं को जोडने का प्रस्ताव पेडिंग है.
* जिले में 1,556 शाला
जिप प्राथमिक शिक्षा विभाग के अधीन लगभग 1556 प्राथमिक शाला है. इनमें से 1 हजार से अधिक शालाओं में 7 वीं की कक्षा है.
* 6 तहसीलों में 5 वीं की कक्षा
जिले की 14 तहसीलों में से 6 तहसील में 5 वीं की कक्षा श्ाुरू है. तथा 10 शालाओं का प्रस्ताव शिक्षा विभाग को प्राप्त हुआ है.
तहसील निहाय शुरू होगी कक्षा
तहसील पाचवी आठवी
चांदूर रेलवे 01 00
अमरावती 01 01
अंजनगांव सुर्जी 04 00
नांदगंव खंडेश्वर 01 00
दर्यापुर 02 00
चांदूर बाजार 00 00
मोर्शी 00 00
वरूड 00 00
अचलपुर 00 00
भातकुली 00 00
धामणगांव रेलवे 00 00
चिखलदरा 00 00
धारणी 00 00
* आठवीं के लिए केवल एक प्रस्ताव
जिप प्राथमिक शिक्षा विभाग को अमरावती तहसील से केवल एक ही शाला का 8वीं कक्षा को जोडने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है ऐसा शिक्षा विभाग द्बारा कहा गया.
6 तहसीलों से प्रस्ताव प्राप्त
प्राथमिक शिक्षा विभाग को जिले की 6 तहसीलों से कक्षा 5 वीें को जोडने के प्रस्ताव प्राप्त हुए है तथा अमरावती तहसील से केवल एक कक्षा 8वीं को जोडने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है. शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन मंगवाया गया है. किंतु अब तक शासन का मार्गदर्शन प्राप्त नहीं हुआ है.
– प्रवीण खांडेकर, शिक्षण विस्तार अधिकारी





