मनपा चुनाव में जनता उतारेगी भाजपा की मस्ती
सत्ता के मद में चूर भाजपा चुनाव जीतने अपना रही तमाम हथकंडे

* इस बार भाजपा को नकारकर जनता देगी मविआ के पक्ष में जनादेश
* शरद पवार गुट वाली राकांपा के प्रदेशाध्यक्ष विधायक शशीकांत शिंदे का प्रतिपादन
अमरावती /दि.15- चुनाव जीतने के लिए साम, दाम, दंड, भेद की नीति के साथ ही तमाम तरह के हथकंडों का प्रयोग करनेवाली भाजपा की असलियत अब सभी के सामने उजागर हो गई है. लेकिन इसके बावजूद भाजपा पूरी तरह से सत्ता के नशे व अहंकार में चूर है तथा जनता के हितों की अनदेखी करने के साथ ही विपक्षियों की आवाज को दबाने का काम कर रही है. परंतु मनपा व जिला परिषद के आगामी चुनाव में जनता निश्चित तौर पर भाजपा के इस अहंकार को चूर-चूर कर देगी तथा इस बार जनादेश निश्चित तौर पर महाविकास आघाडी के पक्ष में होगा, ऐसा विश्वास शरद पवार गुट वाली राकांपा के प्रदेशाध्यक्ष व विधायक शशीकांत शिंदे द्वारा जताया गया.
महानगर पालिका व जिला परिषद के आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी की तैयारियों एवं नियोजन का जायजा लेने हेतु आज पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के साथ अमरावती के दौरे पर पहुंचे पार्टी प्रदेशाध्यक्ष व विधायक शशीकांत शिंदे ने यहां पर एक पत्रवार्ता को भी संबोधित किया. जिसमें उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही विधायक शशीकांत शिंदे ने कहा कि, विदर्भ के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु संयुक्त महाराष्ट्र का गठन करते समय नागपुर में राज्य विधान मंडल का शीतसत्र आयोजित करने की परंपरा शुरु की गई थी. परंतु इस बार के नागपुर शीतसत्र दौरान विदर्भ से संबंधित एक भी मुद्दे पर विधान मंडल के दोनों सदनों में कोई गंभीर चर्चा नहीं हुई. जिसके चलते आज नागपुर शीतसत्र खत्म हो जाने के बावजूद विदर्भ की झोली पूरी तरह से खाली है. इसके साथ ही राज्य के अन्य क्षेत्रों के लिए भी सरकार द्वारा कोई ठोस चर्चा व निर्णय नहीं किए गए. क्योंकि हकीकत में इस सरकार का आम जनता के हितों से कोई लेना-देना ही नहीं है. जिसके चलतेे समाज के सभी घटक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है. इस बात को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि, इस बार मनपा व जिप चुनाव में निश्चित ही राज्य की आम जनता महायुति में शामिल घटक दलों के खिलाफ वोट करेगी और इस बार जनादेश निश्चित तौर पर महाविकास आघाडी के पक्ष में होगा.
इस समय कांग्रेस द्वारा अकेले ही चुनाव लडने को लेकर अपनाई गई भूमिका के संदर्भ में शरद पवार गुट वाली राकांपा के प्रदेशाध्यक्ष शशीकांत शिंदे ने कहा कि, प्रत्येक राजनीतिक दल हर चुनाव में अपनी ताकत बढाते हुए खुद को मजबूती के साथ स्थापित करना चाहता है. संभवत: इसी सोच के तहत कांग्रेस द्वारा उपरोक्त बात कही गई हो, परंतु हकीकत यही है कि, मविआ में शामिल घटक दल पूरी तरह से एकजुट है, जो मौजूदा सत्ताधारी पक्ष के खिलाफ साथ मिलकर चुनाव लडने हेतु प्रतिबद्ध भी है. ऐसे में उन्हें पूरा विश्वास है कि, मनपा व जिप चुनाव के समय भी कांग्रेस, मविआ का ही हिस्सा बनी रहेगी. इस समय मीडिया द्वारा ठाकरे बंधुओं के एक साथ आने तथा शिवसेना उबाठा व मनसे के बीच युति होने की संभावनाओं और इसकी वजह से मविआ पर पडनेवाले असर को लेकर पूछे गए सवाल पर विधायक शशीकांत शिंदे का कहना रहा कि, अव्वल तो शिवसेना उबाठा व मनसे के बीच युति होने को लेकर अब तक कोई अधिकृत घोषणा नहीं हुई है. साथ ही यदि ऐसी कोई युति होती भी है, तो वह मुंबई, ठाणे, कल्याण व नाशिक जैसे कुछ मनपा क्षेत्रों तक ही सीमित रहेगी. जिसका राज्य के अन्य निकाय क्षेत्रों में कोई खास असर नहीं पडेगा. साथ ही विधायक शिंदे ने यह भी स्पष्ट किया कि, ठाकरे बंधुओं के साथ आने अथवा शिवसेना उबाठा व मनसे के बीच युति होने की संभावनाओं को लेकर अब तक शरद पवार गुट वाली राकांपा अथवा महायुति में किसी भी तरह की कोई चर्चा नहीं हुई है. जिसके चलते आगे चलकर राजनीतिक हालात को देखते हुए चर्चा करने के उपरांत निर्णय लिया जाएगा.
इस पत्रवार्ता में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष विधायक शशीकांत शिंदे व पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के साथ ही पार्टी के शहर जिलाध्यक्ष प्रा. हेमंत देशमुख भी उपस्थित थे.

* आयात शुल्क रद्द कर कपास उत्पादकों को किया बर्बाद
इस पत्रवार्ता में उपस्थित राकांपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि,भाजपा की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने कपास पर लगनेवाले 18 फीसद आयात शुल्क को पूरी तरह खत्म करते हुए देश के कपास उत्पादकों की एक तरह से कमर ही तोड दी है. क्योंकि आयात शुल्क के रद्द होते ही देश में विदेशों से बडे पैमाने पर कपास की गांठों की आयात हो रही है. जिसके चलते स्थानीय बाजारों में कपास के दाम गिर गए है और स्थानीय कपास उत्पादकों को उनकी उपज के लिए उचित दाम भी नहीं मिल रहे. इसके चलते किसानों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चली है और किसानों के साथ-साथ सर्वसामान्य नागरिक भी मौजूदा सरकार की नीतियों से बुरी तरह हैरान-परेशान है. ऐसे में जनता ने मौजूदा सत्ताधारियों को निश्चित रुप से अब घर पर बिठा देना चाहिए.





