ठंड में पेट दर्द, डायरिया के मरीज बढे
हर दिन 300 मरिजों की जांच, इर्विन के ओपीडी में तौबा भीड

* तत्काल डॉक्टरों की सलाह ले, स्वास्थ्य विभाग का आवाहन
अमरावती/दि.11 – ठंड का मौसम यह स्वास्थ्य दायक मौसम रहता हैं. भूख भी अच्छी लगती है. कोई भी पदार्थ खाने पर वह आसानी से पचन होता हैैं, ऐसा आम नागरिकों का मानना है. हमेशा से अधिक इस मौसम में खाया जाता है. कच्चे खाद्यपदार्थ, तले हुए, मसालेदार पदार्थ भारी मात्रा में खाने में रहते है. वर्तमान में शादियों का मौसम शुरू हैं. विवाह समारोह, स्वागत समारोह में तले हुए और मसालेदार पदार्थ खाए जाते है. इस कारण जिनकी पचनशक्ति पहले से ही कम हैं, ऐसे लोगों को अपचन, पेटदर्द, मचलन, उलटी, डायरिया आदि की परेशानी हो रही हैं. इसकेे अलावा ठंड भी काफी रहने से सर्दी, खासी, बुखार, गले में खराश के मरीज बढ रहे हैं. इन मरिजों की भी रोग प्रतिकार क्षमता कम रहती हैं. ऐसे में वह जो खाते हैं वह अनाज व्यवस्थित रूप से पचन नहीं होता. इस कारण कुछ लोगों में पेट दर्द, उलटी के लक्षण दिखाई देते हैं. इसें सुपर इम्कोज इन्फेक्शन कहते हैं. जिला सामान्य अस्पताल के बाह्य रूग्ण विभाग में हर दिन करीबन 300 मरीज पेट दर्द, उलटी, अपचन पर उपचार के लिए आ रहे हैं. इसके लिए अॅडसिटीडी रेग्यूरेट करनेवाली गोली समेत ओआरएस पावडर, पचनशक्ति बढाने की टॉनिक मरिजों को दी जा रही हैं. जिला अस्पताल सहित शहर के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर इस बिमारी समेत डायरिया, उलटी आदि बिमारी के लिए आवश्यक दवाई उपलब्ध रहने की जानकारी जिले के स्वास्थ्य विभाग व मनपा द्बारा दी गई.
* सुपर इम्पोज इंफेक्शन से पेटदर्द और मचलन बढी
पहले से ही इन्फेक्शन हुआ होगा तो उसमें यदि आहार हलका नहीं लिया और जिनकी पचनशक्ति कमजोर है उन्हें ठंड के मौसम में पेटदर्द, उलटी, डायरिया जैसी बिमारी का सामना करना पडता है. इस सुपर इम्पोज इंफेक्शन कहते हैं. आहार बाबात सावधानी आवश्यक हैं.
डॉ. विशाल काले, वैद्यकिय स्वास्थ्य अधिकारी, मनपा
* गले का संसर्ग ठंड के मौसम में आम बात
ठंड के मौसम में गले का संसर्ग यह आम बात है. नाक, कान, घसा का एक दूसरे से संबंध रहने के कारण गले में संसर्ग होने के बाद सर्दी, खासी और बुखार आता है. यह संसर्गजन्य बिमारी है. घर में किसी एक सदस्य को यह बिमारी हुई तो दूसरे सदस्य तक पहुंचने में समय नहीं लगता. इस कारण स्वास्थ्य संभालना चाहिए, ऐसे मरिजों ने खांसते समय सावधानी रखनी चाहिए.
* उपचार के लिए हर दिन ओपीडी में संख्या बढी
ठंड बढने से नागरिकों में पेट की बिमारी बढी है. अनेकों को पेट दर्द, डायरिया, उलटी, मचलन की परेशानी हो रही है. इसी तरह कुछ लोगों को गले में दर्द होने से गरम व तेज पदार्थ खाते समय परेशानी होती हैं. विभाग में हर दिन 250 से 300 मरीज उपचार के लिए आ रहे है. एक सप्ताह में करीबन 2 हजार से अधिक मरिजों पर उपचार किया गया है.
तापमान में कमी से कुछ लोगों की पचनशक्ति कमजोर
तापमान हमेशा से ज्यादा कम हुआ तो पचनशक्ति कुछ लोगों की कम हो जाती है. इस कारण ऐसी स्थिति में हलका आहार लेना आवश्यक है. साथ ही पिने का पानी भी अपनेआप ठंडा होता है. इसिलए उसे उबालकर और गरम कर कोमट पीये. इससे विंटर डायरिया अथवा पेट दर्द जैसी बिमारी नहीं होगी.
– डॉ. दिलीप सौंदले जिला शल्य चिकित्सक





