अमरावती और अकोला के रजिस्ट्रार दफ्तरों में आयकर की धडक

करोडों के व्यवहार की नहीं दी जानकारी

* नागपुर जैसा मामला पूरे विदर्भ मेें
अमरावती/ दि. 27 – देर से प्राप्त समाचार के अनुसार आयकर विभाग नागपुर ने नागपुर को जिला उपनिबंधक कार्यालय पश्चात अब विदर्भ के अनेक उप निबंधक कार्यालयों का सर्वे किया है. अमरावती की उप निबंधक कार्यालय पर गत गुरूवार को सर्वे किया गया. वहीं अकोला में गत सोमवार को एवं इसी दौरान बुलढाणा, हिंगणा में भी आयकर विभाग की टीम पहुंची. वहां का खरीदी – विक्री का पंजीयन का रिकार्ड खंगाला. 300 करोड के लेन देने की जानकारी आयकर विभाग को रजिस्टार विभाग द्बारा नहीं दिए जाने की खबर सामने आ रही है. समय पर आयकर विभाग को डेटा नहीं दिए जाने से विभाग की जांच टीम और आपराधिक जांच विभाग कार्यरत होने की जानकारी रिपोर्ट में दावे के साथ दी गई है.
क्या है कारण सर्वे का
अमरावती उपनिबंधक विभाग के कार्यालयों का सर्वे आयकर विभाग द्बारा किया गया. इसके पीछे कारण बताया गया कि बडे व्यवहारों की जानकारी नहीं दी गई है. जबकि 50 लाख से अधिक मूल्य के खरीदी- विक्री व्यवहार की जानकारी सिस्टम के अनुसार आयकर विभाग को दी जाती है.
5 हजार करोड के व्यवहार ?
आयकर विभाग के अपराध जांच पथक ने इसके पहले नागपुर के हिंगणा और सक्करदरा तथा म्हालगी नगर उप निबंधक कार्यालय में भी दस्तावेज और डाटा देखा. बुलढाणा जिले के मलकापुर और खामगांव के दफ्तरों पर भी आयकर टीम पहुंची. यह भी दावा किया गया कि अब तक की जांच में पता चला है कि 5 हजार करोड के व्यवहार की जानकारी आयकर विभाग के साथ शेयर नहीं की गई. जबकि रजिस्ट्रार ऑफीस के अधिकारियों का कहना है कि समय पर डेटा शेयर नहीं करना कोई बहुत बडी गलती नहीं कही जा सकती.
* डेटा दिया जा रहा है
रजिस्ट्रार ऑफीस के सूत्रों का दावा है कि सभी व्यवहार की जानकारी सिस्टम में उपलब्ध है. उसे आयकर पोर्टल में अपलोड करने की जिम्मेदारी नियुक्त एजेंसी की है. एजेंसी ने समय पर जानकारी अपलोड नहीं की. विदर्भ के अधिकाश उपनिबंधक कार्यालयों का डेटा आयकर विभाग को दिया गया है. शेष डेटा भी अपलोड किया जायेगा. उप निबंधक कार्यालय सूत्रों ने दावा किया कि जानकारी छिपाने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
जारी होंगे सैकडों नोटिस
इस बीच आयकर विभाग से जुडे सूत्रों के हवाले से अमरावती मंडल को जानकारों ने बताया कि न केवल चल – अचल संपत्ति के बडे सौदों बल्कि लक्झरीअस वाहनों, हीरे जवाहरात के गहनों की खरीदी करनेवाले लोगों को भी नोटिस भेजा जायेगा. संबंधित डीलर्स, प्रतिष्ठानों को नोटिस भेजे जाने की संभावना सूत्रों ने व्यक्त की है. आयकर विभाग का दावा है कि दो लाख रूपए से अधिक कैश खरीदी पर पाबंदी रहने के बावजूद काफी प्रमाण में इस तरह के व्यवहार हुए हैं. जिससे संबंधितों से जवाब मांगा जायेगा.

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