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खुदरा मुद्रास्फीति ६.९३ प्रतिशत हुई

खाद्य पदार्थों के दाम बढऩे से मंहगाई दर बढ़ा

नई दिल्ली/दि.१३– खाद्य पदार्थों के दाम बढऩे से महंगाई दर में बढ़ोत्तरी हुई है. यहां पर नजर डाले तो खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में बढ़कर 6.93 प्रतिशत हो गयी.आज जारी किए गएी सरकारी आंकड़ों के अनुसार इससे पहले जून महीने में मुद्रास्फीति 6.23 प्रतिशत थी.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आंकड़े के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर जुलाई महीने में 9.62 प्रतिशत रही. इससे पूर्व माह जून में यह 8.72 प्रतिशत थी। यह लगातार दूसरा महीना है जब खुदरा मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर रही है.
सरकार ने केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी दी है. रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर ही गौर करता है. श्रम मंत्री ने औद्योगिक कर्मचारियों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का महत्व बताते हुये कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों, बैंकों, बीमा कंपनियों और सरकारी कम्रचारियों के साथ साथ संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को दिये जाने वाले महंगाई भत्ता की गणना करने में भी इस्तेमाल होता है. जून माह में सूचकांक में वृद्धि में सबसे ज्यादा दबाव खाद्य समूह के उत्पादों का रहा.  इसमें 1.65 प्रतिशत की वृद्धि का योगदान किया. चावल, मूंगफलति तेल, मदली, बकरी का मांस, चिकन, भैंस का दूध, बैंगन, हरी धनिया, आलू, टमाटर, रिफाइंड शराब, खाना पकाने की गैस, पेट्रोल आदि का सूचकांक को बढ़ाने में योगदान रहा.
इसके विपरीत इस वृद्धि को अधिक बढऩे से रोकने में गेहूं आटा, अरहर दाल, लहसुन, प्याज, नारियल, भिंडी, नींबू, आम, मिट्टी तेल आदि का काफी योगदान रहा जिन्होंने इसे नीचे की तरफ खिंचे रखा. सूचकांक में सबसे जयादा नौ अंकों की वृद्धि का योगदान झरिया का रहा वहीं रांची-अतिया में सबसे ज्यादा आठ अंक की गिरावट रिकार्ड की गई.

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