हिंद महासागर में चीन की हरकतों पर रख रहे कड़ी नजर
किसी भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है नेवी
नई दिल्ली /दि.3– नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शुक्रवार को कहा कि उनका बल हिंद महासागर में चीनी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है और वो किसी भी सुरक्षा खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की उत्तरी सीमा पर स्थिति ने उस समय सुरक्षा जटिलताओं को जोड़ा है जब देश कोविड-19 से जूझ रहा था और ये अभी भी जारी है.
चीन की ओर से अपनी नौसेना की संपत्ति के तेजी से विस्तार का उल्लेख करते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा कि केवल संख्या ही मायने नहीं रखता है, उन्होंने विभिन्न खतरों से निपटने के लिए रणनीति, संचालन योजनाओं और हथियारों के महत्व पर प्रकाश डाला. समुद्री क्षेत्र में चीन से खतरे पर सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारतीय नौसेना एक संतुलित बल है और निश्चित रूप से भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने में सक्षम है.
चीन की गतिविधियों और तैनाती पर रखी जा रही है कड़ी नजर
साथ ही कहा कि चीन की गतिविधियों और तैनाती पर कड़ी नजर रखी जा रही है. हमारी अपनी योजनाएं हैं. नौसेना की 170 शिप फोर्स बनने की पहले की योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 10 साल की एकीकृत क्षमता विकास योजना (आईसीडीपी) के तहत आवश्यकता का आकलन करने के लिए एक नई वैज्ञानिक प्रक्रिया चल रही है, जिसके बाद निर्णय लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि ये 230 (जहाज) हो सकता है, ये 300 हो सकता है, प्रक्रिया चालू है. ये एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है. मैं इस समय आपको एक नंबर नहीं दे सकता. हम प्रक्रिया के पूरा होने के बाद एक निर्णय पर पहुंचेंगे.
नौसेना ने 2027 तक 170 शिप फोर्स बनने का लक्ष्य रखा था. वर्तमान में, नौसेना के पास लगभग 130 जहाज हैं. उन्होंने कहा कि इसमें समय लगेगा और कहा कि अमेरिकी सेना को संयुक्त कमान और नियंत्रण संरचनाओं को लागू करने के बाद लगभग 50 साल लग गए. नौसेना प्रमुख ने कहा कि मैं अपने उच्च रक्षा संगठन में सुधारों के लिए और तीनों सेनाओं के तालमेल को बढ़ाने के लिए नौसेना के पूरे समर्थन को दोहराना चाहता हूं.