नई दिल्ली/दि.१३– भारत की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई ने बड़े-बड़े केस सॉल्व किए हैं, लेकिन अब उसी से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप खुद हैरान हो जाएंगे. जी हां, सीबीआई की कस्टडी में रखा हुआ 45 करोड़ रुपये कीमत का 103 किलो सोना गायब हो गया है. इस सोने को सीबीआई ने चेन्नई में छापेमारी के दौरान जब्त किया था जिसे सुरक्षा के लिहाज से CBI कस्टडी में रखा गया था. फिलहाल, अब इस मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु क्राइम ब्रांच- CID पुलिस को जांच का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि जांच एसपी रैंक के अधिकारी द्वारा की जाए और छह महीने के भीतर पूरी होनी चाहिए. बता दें कि मद्रास हाई कोर्ट के जज पीएन प्रकाश ने जांच के निर्देश देते हुए, सीबीआई की यह दलील खारिज कर दी कि यदि स्थानीय पुलिस द्वारा जांच की जाती है, तो उसकी प्रतिष्ठा खराब हो जाएगी. जज पीएन प्रकाश ने कहा कि सभी पुलिसकर्मियों पर भरोसा किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह केस सीबीआई के लिए अग्नि परीक्षा हो सकता है. दरअसल, साल 2012 में सीबीआई ने सुराना कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कार्यालयों में छापे मारकर 400.47 किलोग्राम सोना जब्त किया था. उस समय यह सोना सुराना के ही लॉकर और वॉल्ट्स में सीबीआई की सेफ कस्टडी में रख दिया गया था. हालांकि, उस समय तो इसका कुल वजन 400.47 किलोग्राम था, लेकिन हाल ही में जब लॉक खोला गया तो पाया गया कि इसमें से 103.864 किलोग्राम सोना गायब है.
वहीं, इस मसले पर सीबीआई ने दावा किया है कि उसने उसने चेन्नई प्रमुख विशेष अदालत को लॉकर और वॉल्ट्स की 72 चाबियां सौंप दी थीं. CBI के मुताबिक, जब छापेमारी हुई थी तब सोने का वजन एक साथ किया गया था, लेकिन SBI और सुराना कॉर्पोरेशन के बीच कर्ज मामले में समझौते के बाद सोने का वजन फिर से अलग-अलग किया गया, जो 103 किलो सोने का न मिलने या गड़बड़ी का कारण हो सकता है. इस मामले में शनिवार को सीबीआई ने एक बयान भी जारी किया है. साथ ही कहा है कि यदि इसमें हमारे किसी कर्मचारी की भूमिका पाई जाएगी तो सख्त एक्शन लिया जाएगा. फिलहाल, सीबीआई की आंतरिक जांच जारी है.