नई दिल्ली/दि. 5 – केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं साल में दो बार कराने का फैसला किया है. सीबीएसई ने कहा कि कक्षा 10वीं और 12वीं के शैक्षणिक सत्र 2021-22 को दो भागों विभाजित किया जाएगा और प्रत्येक सत्र में लगभग 50 फीसदी सिलेबस रखा जाएगा. पिछले सत्र की तरह 2021-22 के सिलेबस में भी कटौती की जाएगी. इसे लेकर इस महीने नोटिफिकेशन जारी की जाएगी.
सीबीएसई के मुताबिक 2021-22 शैक्षणिक सत्र को सिस्टेमिक एप्रोच के आधार पर दो भागों में बांटा गया है. इस एप्रोच के लिए विषय विशेषज्ञों ने अवधारणा और टॉपिक्स का अच्छे से अध्ययन किया है. बंटे हुए सिलेबस के आधार पर ही सीबीएसई साल में दो बार परीक्षा आयोजित करेगा. सीबीएसई ने विस्तृत बयान जारी कर कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि शैक्षणिक सत्र के अंत तक 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं कराने की संभावनाएं बनी रहें. शैक्षणिक सत्र के लिए हालांकि स्कूलों को बोर्ड द्वारा जारी पाठ्यक्रम और सिलेबस का ही पालन करना होगा. स्कूलों के पास यह विकल्प होगा कि वह वैकल्पिक एकेडेमिक कैलेंडर का उपयोग करें और पाठ्यक्रम को लागू करने के लिए NCERT से इनपुट ले सकते हैं.
सीबीएसई बोर्ड ने यह भी कहा है कि इंटरनल असेसमेंट/ प्रेक्टिकल/प्रोजेक्ट वर्क को ज्यादा विश्वसनीय बनाने के प्रयास किए जाएंगे. साथ ही यह सभी को समान अंक वितरण के लिए घोषित दिशानिर्देश और मोडरेशन पॉलिसी के अनुसार वैध होंगे.
पिछले महीने एक जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद केंद्र सरकार ने 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी थीं. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि महामारी की स्थितियों के चलते इस साल 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि छात्रों के हितों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा था कि कोविड ने शैक्षणिक कैलेंडर को प्रभावित किया है और बोर्ड परीक्षाओं की वजह से छात्र, अभिभावक और टीचर्स बहुत ज्यादा तनाव में थे, जिन्हें खत्म किया जाना जरूरी था.