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हैती में आए भूकंप से अब तक1,419 लोगों की मौत

6000 घायल

नई दिल्ली/दि.17 – हैती में शनिवार को आए 7.2 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से मरने वालों की संख्या अब बढ़कर जहां 1,419 हो गई है, तो वहीं घायलों की संख्या बढ़कर 6,000 हो गई है. हैती की नागरिक सुरक्षा एजेंसी के निदेशक जैरी चांडलर ने बताया कि सबसे ज्यादा लोग देश के दक्षिण में हताहत हुए हैं. जेरी चांडलर ने कहा कि हम अब ये सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि हमारे पास अब जो संसाधन हैं, वो उन जगहों पर पहुंचेंगे जो सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. शनिवार को भूकंप आने से कई शहर पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं और भूस्खलन होने से बचाव अभियान प्रभावित हो रहा है. भूकंप के कारण कोरोनावायरस महामारी से पहले से बुरी तरह प्रभावित हैती के लोगों की पीड़ा और भी बढ़ गई है.
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने कहा है कि भूकंप का केंद्र राजधानी पोर्ट औ प्रिंस से करीब 125 किलोमीटर की दूरी पर था. वहीं इस हफ्ते की शुरुआत में संकट और भी बढ़ सकता है, क्योंकि तूफान ग्रेस सोमवार या मंगलवार तक हैती पहुंच सकता है. भूकंप के बाद दिनभर और रात तक झटके महसूस किए जाते रहे. बेघर हो चुके लोग और वो लोग जिनके मकान ढहने के कगार पर हैं, उन्होंने खुले में सड़कों पर रात बिताई. प्रधानमंत्री एरियल हेनरी ने कहा कि वो ऐसे स्थानों पर मदद भिजवा रहे हैं, जहां पर शहर तबाह हो चुके हैं और अस्पताल मरीजों से भर गए हैं.

वहीं प्रधानमंत्री ने पूरे देश में एक महीने की आपात स्थिति की घोषणा की है और कहा है कि जब तक क्षति का आकलन नहीं हो जाता तब तक वो अंतरराष्ट्रीय मदद नहीं मांगेंगे. उन्होंने कहा कि कुछ शहर तो पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और प्रभावित इलाकों के अस्पताल घायलों का ध्यान रख रहे हैं. उन्होंने इस समय हैती के लोगों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि जरूरतें बहुत अधिक हैं. हमें घायलों की देखरेख करनी होगी, भोजन, सहायता, अस्थायी शरण एवं मनोवैज्ञानिक समर्थन देना होगा.
चांडलर ने बताया कि कम से कम 2,868 मकान नष्ट हो गए और 5,410 से अधिक क्षतिग्रस्त हो गए. अस्पताल, स्कूल, कार्यालय और गिरजाघर भी प्रभावित हुए हैं. वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूएसऐड प्रशासक सामंथा पॉवर को हैती को अमेरिकी मदद देने के लिए समन्वयक अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है. यूएसऐड नुकसान का आकलन करने और पुनर्निर्माण करने में मदद करेगा. अर्जेंटीना, चिली समेत कई देशों ने भी मदद की पेशकश की है.

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