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एक साल में १ लाख करोड रूपयों के २ हजार की नोट चलन से गायब

आरबीआय की रिपोर्ट, वर्ष २०१९-२० में २ हजार के ५६ करोड नोट चलन से बाहर

नई दिल्ली/दि.२१ – विगत एक वर्ष की कालावधि के दौरान १.१० लाख करोड रूपये मूल्य के २ हजार रूपयोंवाले करन्सी नोट चलन से गायब हो जाने की जानकारी सामने आयी है. विगत आर्थिक वर्ष २०१९-२० में २ हजार रूपयों के नोटों का कूल मुल्य ५.४० लाख करोड रूपयों से कम हो गया है. जानकारी के मुताबिक वर्ष २०१८-१९ के आर्थिक वर्ष में २ हजार रूपयों के ६.५० लाख करोड रूपये मूल्य के करन्सी नोट चलन में थे. जिसमें से विगत आर्थिक वर्ष २०१९-२० में ५६ करोड करन्सी नोट चलन के बाहर हो गये है. इस संदर्भ में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank India) द्वारा १८ सितंबर को जारी की गई रिपोर्ट में उपरोक्त जानकारी सामने आने के साथ ही पता चला है कि, ५०० रूपये के नोटों का मूल्य ४ लाख करोड रूपयों से बढ गया है. वर्ष २०१८-१९ में ५०० रूपयों की १०.७० लाख करोड रूपये मूल्य की नोटें चलन में थी. जिनका मूल्य वर्ष २०१९-२० में बढकर १४.७० लाख करोड रूपयों तक पहुंच गया. हालांकि वर्ष २०१९-२० के आर्थिक वर्ष में २ हजार रूपयों के नोटों की छपाई बंद नहीं की गई है और इसकी आपूर्ति को भी रोका नहीं गया है. इसके बावजूद विगत कुछ वर्षों के दौरान देश में सर्वाधिक मूल्य रहनेवाली २ हजार रूपयों की करन्सी नोटों का व्यवहार में चलन बेहद कम हो गया है. जानकारी के मुताबिक वर्ष २०१८ में २ हजार रूपये के ३३६ करोड करन्सी नोट चलन में थे, वहीं वर्ष २०१९ में यह आंकडा ७ करोड से घटकर ३२९ करोड पर आया. पश्चात वर्ष २०२० में यह आंकडा और भी अधिक तेजी से नीचे गिरा और इस समय तक २ हजार रूपयों के ५६ करोड करन्सी नोट चलन से बाहर हो गये तथा इस वक्त २७३ करोड करन्सी नोट चलन में है. उपरोक्त आंकडे मार्च २०२० तक के है. उल्लेखनीय है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ८ नवंबर २०१६ को नोट बंदी की घोषणा करने के साथ ही २ हजार और ५०० रूपये मूल्यवाली नई नोटों को चलन में लाया था. उस समय कहा गया था कि, काले धन के साथ ही आर्थिक गडबडियों पर नियंत्रण प्राप्त करने हेतु नोट बंदी की घोषणा की गई है, लेकिन इसके बाद भी आर्थिक अपराध कम होते नहीं दिखे है. बल्कि २०१६ से २०१९ की कालावधि के दौरान अकेले गुजरात राज्य से २ हजार रूपये के ११.४ करोड तथा ५०० रूपयों के ७४.३८ लाख नकली करन्सी नोट जप्त किये गये है.

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