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उष्माघात से 20 फीसद मौतें भारत में

प्रतिवर्ष दुनिया में जाती है डेढ लाख लोगों की जान

* तापमान वृद्धि व मौसम में बदलाव का परिणाम
नई दिल्ली/दि.16– मौसम में होने वाले बदलाव की वजह से पूरी दुनिया में गर्मी की तीव्रता दिनोंदिन बढती जा रही है. जिसके परिणाम स्वरुप उष्माघात की वजह से प्रतिवर्ष पूरी दुनिया में डेढ लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है. इसमें भी विशेष उल्लेखनीय यह है कि, इन मौतों में से करीब 20 फीसद मौतें अकेले भारत मेें ही होने का निष्कर्ष इस संशोधन के जरिए निकाला गया है.

ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विद्यापीठ ने इंग्लैंड के एमसीसी रिसर्च नेटवर्क की सहायता से दुनियाभर के 43 देशों व 750 स्थानों में वर्ष 1990 से लेकर 2019 के दौरान रहने वाले अधिकतम तापमान और वहां पर होने वाली मौतों के आंकडों का अध्ययन किया. जिसके मुताबिक पूरी दुनिया में प्रतिवर्ष उष्माघात से लगभग 1.53 लाख लोगों की मौत होती है. जिसमें सर्वाधिक 20 फीसद मौतें भारत में होती है. जिसके साथ ही उष्माघात से होने वाली मौतों के मामले में चीन और रुस दूसरे स्थान पर है. इससे संबंधित संशोधन को पीएलओएस मेडिसीन नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है.

इस रिपोर्ट में संशोधकों द्वारा कहा गया है कि, उष्माघात के बढते प्रमाण के लिए मौसम में होने वाले बदलाव, तापमान वृद्धि तथा औद्योगिकरण की वजह से पर्यावरण का बिगडा हुआ संतुलन मुख्य रुप से कारणीभूत है.

* उष्माघात से कहां सर्वाधिक मौतें
भारत 20%
चीन 14%
रुस 8%

* पृथ्वी के तापमान में प्रति दशक हो रही वृद्धि
वर्ष 1999 से 2019 के दौरान पूरी दुनियाभर में दिनोंदिन उष्णता की तीव्रता बढ रही है और तीव्र उष्णतावाले दिनों की संख्या भी बढ रही है. यह आंकडा औसत 13.4 दिनों से 13.7 दिनों तक बढ गया है. इसके अलावा पृथ्वी का सामान्य तापमान हर दशक में 0.35 डिग्री सेल्सिअस से बढने की जानकारी है.
संशोधकों ने यह भी बताया कि, इससे पहले किये गये अध्ययन में स्थानीय स्तर पर ग्रीष्मलहर की वजह से होने वाली मौतों की जानकारी दी गई. परंतु उस समय पूरी दुनिया में होने वाले मौतों के आंकडे जारी नहीं हुए है. परंतु अब पूरी दुनियाभर में होने वाली मौतों के आंकडे जारी कर दिये गये है.

* उष्माघात से कितनी मौतें?
– उष्णता की वजह से होने वाली कुल मौतों में से एक तृतीयांश.
– दुनियाभर में होने वाली कुल मौतों में से एक फीसद.
– कुल मौतों में 50 फीसद मौतें एशिया में व 30 फीसद मौतें युरोप में.
– सूखे वातावरण तथा कम व मध्यम उत्पन्न रहने वाले क्षेत्रों में सर्वाधिक मृत्युदर

* प्रति 10 लाख में से 336 मौतें
पूरी दुनिया में वर्ष 1990 से 2019 के दौरान प्रतिवर्ष औसतन 1 लाख 53 हजार 78 लोगों की मौतें हुई है. जिसे ध्यान में रखते हुए मोनाश विद्यापीठ द्वारा किये गये संशोधन में निष्कर्ष लगाया गया है कि, प्रत्येक 10 लाख लोगों में से 236 लोगों की मौतें उष्माघात से हो रही है.

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