देश दुनिया

विरोध में उठ रही आवाजों को दबाने में कानून का इस्तेमाल

देश में दो साल में 6300 लोगों पर दर्ज हुआ राजद्रोह का मामला

नई दिल्ली/मुंबई/औरंगाबाद दि.१७ – सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालो पर राजद्रोह कानून के इस्तेमाल का ट्रेंड बढ रहा है. पिछले दो साल में 6300 लोगों पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ है. गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून यानी ‘यूएपीए’ और राजद्रोह यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के सबसे ज्यादा मामले 2016 से 2019 के बीच दर्ज हुए है. इनमें अकेले ‘यूएपीए’ के तहत 5,922 मामले दर्ज हुए है.
साल 2020 मे नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीए) के विरोध में 25, दिल्ली दंगो के बाद 26, हाथरस गैंगरेप के बाद 22 और पुलवामा हमले के बाद 27 केस राजद्रोह के दर्ज हुए थे. इनमें करीब 3000 आरोपी है. बता दें, 4 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने टूलकिट बनाने वाले अज्ञात लोगों पर सरकार के खिलाफ सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जंग छेडने का केस दर्ज किया था. ये केस देशद्रोह, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं में दर्ज हुए. उसी मामले में पुलिस एक्टिविस्ट दिशा रवि समेत अन्य पर कार्रवाई कर रही है. दुसरी और केंद्रीय राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि भारत विरोधी तत्व देश में अस्थिरता फैलाना चाहते है. इसिलए राजधानी दिल्ली उनका केंद्र बिंदु बना हुआ है.

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