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पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 25 फीसदी की बढ़ोतरी

राज्यसभा में बोले प्रकाश जावड़ेकर

नई दिल्ली/दि.८– केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली में प्रदूषण के पीछे पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को कारण बताया है. उन्होंने कहा है कि एक तरफ जहां हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं 25 प्रतिशत कम हुईं, वहीं पंजाब में इतने ही प्रतिशत इजाफा हुआ है. केंद्रीय मंत्री ने भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक सवाल के जवाब में राज्यसभा में बताया कि हरियाणा ने इस बार 25 प्रतिशत पराली का जलाना कम किया है, जबकि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 25 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.
पहले पंजाब में 50 हजार घटनाएं थीं, जो अब बढ़कर 75 हजार हो गईं हैं. प्रदूषण रोकने के लिए कई तरह के साइंटिफिक डेवलपमेंट हो रहे हैं. मुझे विश्वास है कि इससे प्रदूषण रोकने में मदद मिलेगी. दिल्ली में ठंड के समय 60 दिन प्रदूषण की स्थिति होती है. इस दौरान 2 से 40 प्रतिशत प्रदूषण पराली जलने की वजह से होता है.
दरअसल, सिंधिया ने जावड़ेकर से पूछा था कि पराली जलाने की घटनाओं के कारण दिल्ली में कितने प्रतिशत प्रदूषण होता है और इसके लिए सरकार क्या कर रही है. इस सवाल के जवाब में जावडेकर ने सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का जिक्र किया. वहीं भाजपा सांसद सीमा द्विवेदी के एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि प्राइवेट नर्सिंग होम से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए साल 2016 में नियम-कायदे बन चुके हैं. इसका सख्ती से पालन हो रहा है.
पंजाब में पराली जलाने पर किसानों के ऊपर केवल जुर्माना ही नहीं लगता बल्कि केस भी दर्ज किया जाता है. पंजाब में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ धारा 144 के अलावा एयर एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाता है और किसान के रेवेन्यू रिकार्ड में भी रेड एंट्री दर्ज की जाती है.

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