चक्रवाती तूफान ‘यास’ से ओडिशा और बंगाल में भारी नुकसान, 4 की मौत
20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
बालासोर/दि.26 – चक्रवाती तूफान ‘यास’ के 130-145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाओं के साथ बुधवार को देश के पूर्वी तटों से टकराने के बाद भारी बारिश हुई. इससे कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये. अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा में तीन और पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत हुयी है. चक्रवात के कारण ओडिशा के धामरा बंदरगाह के पास निचली इलकों में पानी भर गया. इन इलाकों से 20 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. अपराह्र में तटों से टकराने के बाद तूफान कमजोर पड़ गया था. बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं. ‘ताउते’ के बाद एक सप्ताह के भीतर देश के तटों से टकराने वाला ‘यास’ दूसरा चक्रवाती तूफान है. ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने बताया कि बालासोर जिले के बहनागा और रेमुना ब्लॉक और भद्रक जिले के धामरा और बासुदेवपुर के कई गांवों में समुद्री पानी घुस गया.
उन्होंने कहा कि प्रशासन स्थानीय लोगों की मदद से गांवों से पानी निकालने के वास्ते कदम उठा रहा है. जेना ने कहा कि मयूरभंज जिले के सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान में भारी बारिश के कारण बुधबलंग नदी में अचानक बाढ़ आने की आशंका जताई है. दोपहर में नदी का जलस्तर 27 मीटर के खतरे के स्तर के मुकाबले 21 मीटर पर था. उन्होंने कहा कि मयूरभंज जिला प्रशासन ने नदी के दोनों तरफ स्थित कुछ इलाकों और बारीपदा शहर के कुछ निचली इलाकों को खाली कराना शुरू कर दिया है.
जेना ने कहा कि तार कटने के बाद जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और जाजपुर जिले में कुछ जगहों पर बिजली लाइनों की मरम्मत का काम शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि इन जिलों में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. स्थानीय सूत्रों ने बताया कि केनोझर और बालासोर में पेड़ गिरने से एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई लेकिन इसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है. मयूरभंज में एक और बुजुर्ग महिला की घर गिरने से मौत हो गई. जेना ने बताया कि शाम तक हवा की गति धीमी हो जाएगी और आधी रात तक चक्रवात ओडिशा से झारखंड की ओर बढ़ जायेगा. ओडिशा के संवेदनशील क्षेत्रों से 5.8 लाख लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया गया है और पश्चिम बंगाल में 15 लाख लोगों को शरणस्थलों पर पहुंचाया गया है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में चक्रवात से एक करोड़ लोग प्रभावित हुए है. उन्होंने बताया कि चक्रवात के कारण तीन लाख मकान क्षतिग्रस्त हो गये. उन्होंने दावा किया कि चक्रवात के कारण राज्य ‘‘सबसे अधिक’’ प्रभावित हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से बंगाल में कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं. अब तक तीन लाख मकान और 134 तटबंध क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति की दुर्घटनावश मौत हो गई. उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में 10 करोड़ रुपये की राहत सामग्री भेजी गई है. एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि ओडिशा के बालासोर जिले के साथ सीमा साझा करने वाले पूर्वी मिदनापुर के दीघा पूरी तरह से जलमग्न हो गया है और राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सेना को बुलाया गया है. रक्षा अधिकारी ने बताया कि सेना ने राज्य प्रशासन की मदद के लिए पश्चिम बंगाल में 17 कॉलम तैनात किये हैं. उन्होंने कहा कि सेना द्वारा राहत एवं बचाव अभियान हावड़ा जिले के ऑर्फुली में भी चलाया जा रहा है. बनर्जी ने राज्य में खासकर पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली, पुरुलिया और नदिया के लोगों से घरों में रहने की अपील की है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लगभग पूरे पश्चिम बंगाल में पानी भर गया है. कई तटबंध टूट गए हैं और समुद्र का पानी दक्षिण 24 परगना के सागर एवं गोसाबा जैसे क्षेत्रों और पूर्व मिदनापुर के मंदारमणि, दीघा और शंकरपुर जैसे तटीय क्षेत्रों में घुस गया है. निचले इलाकों में व्यापक क्षति हुई है.’’ अधिकारियों ने बताया कि सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राज्य पुलिस लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए 24 घंटे काम कर रही हैं.
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भारी बारिश का अनुमान
उन्होंने बताया कि कोलकाता के कुछ निचले इलाकों में पानी भरने की खबर है. मौसम कार्यालय ने पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर जिलों में भारी बारिश और झाड़ग्राम, बांकुड़ा, दक्षिण 24 परगना जिलों में अगले 24 घंटों में बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई है. कार्यालय ने बताया कि ‘यास’ के कारण पुरुलिया, नदिया, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, हुगली, कोलकाता, उत्तर 24 परगना, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश होगी. रांची में अधिकारियों ने बताया कि झारखंड में मध्यरात्रि चक्रवात के आने की आशंका को देखते हुए पहले से ही सतर्कता बरती जा रही है. राज्य के निचले इलाकों को खाली कराया जा रहा है. आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि ‘यास’ के मद्देनजर कुछ अन्य जिलों के अलावा पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम के संवेदनशील इलाकों में युद्धस्तर पर अभियान चलाया जा रहा है. मौसम कार्यालय ने बताया कि राज्य के पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिलों में 92-117 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है. पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं और बचाव दलों का गठन किया है.’’