नई दिल्ली/दि. 17 – नारदा स्टिंग ऑपरेशन (Narada Sting Opretion) मामले में गिरफ्तार मंत्री सुब्रत मुखर्जी (Subrata Mukherjee) , मंत्री फिरहाद हकीम (Firhad Hakim) , पूर्व मे मेयर शोभन चटर्जी (Sovan Chatterjee) और एमएलए मदन मित्रा (Madan Mitra) की सीबीआई की विशेष कोर्ट के न्यायाधीश अनुपम मुखोपाध्याय की अदालत में लगभग डेढ़ घंटे वर्चुअली सुनवाई चली. इस दौरान सीबीआई की ओर से ऑनलाइन 48 पेज की चार्जशीट दायर की गई. चार्जशीट में इन नेताओं के अलावा निलंबित आईपीएस अधिकारी एसएचएम मिर्जा का नाम भी शामिल है. सीबीआई की अदालत ने ममता बनर्जी को दो मंत्री सहित चारों नेताओं की हिरासत की अर्जी खारिज कर दी और जमानत देने का आदेश दिया है. 50 हजार रुपये के निजी बांड पर जमानत की मंजूरी दी गई.
सीबीआई के वकीलों का कहना था कि चूंकि गिरफ्तार नेता प्रभावशाली हैं, यदि उन्हें रिहा कर दिया गया, तो जांच प्रभावित हो सकती है, जबकि इन नेताओं के वकीलों ने गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा कि वर्तमान कोविड परिस्थिति में यदि इन नेताओं को गिरफ्तार किया गया है, तो कोलकाता की स्थिति बिगड़ सकती है. टीएमसी के नेताओं की ओर से वकील कल्याण बनर्जी ने पक्ष रखा, जबकि सीबीआई ने इन नेताओं को प्रभावशाली करार देते हुए 14 दिनों की न्यायिक हिरासत की फरियाद की थी.
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सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश की अवहेलना कर हुई गिरफ्तारी
टीएमसी के नेता और वकील कल्याण बनर्जी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए गिरफ्तार किया गया है. विधानसभा अध्यक्ष से गिरफ्तारी के पहले अनुमति नहीं ली गई. राज्यपाल किसी भी रूप से गिरफ्तारी का आदेश नहीं दे सकते हैं. मंत्री अरुप रॉय ने कहा कि राज्यपाल बीजेपी के कैडर हैं. वह गिरफ्तारी का आदेश नहीं दे सकते हैं.
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लगभग छह घंटे तक ममता ने दिया सीबीआई कार्यालय में धरना
दूसरी ओर गिरफ्तारी के खिलाफ ममता बनर्जी ने सीबीआई की निजाम पैलेस मुख्यालय में लगभग छह घंटे तक रहीं और गिरफ्तारी का विरोध जताया. उन्होंने सीबीआई को उन्हें भी गिरफ्तार करने की चुनौती दी थी. बता दें कि सुबह 10.48 बजे सीबीआई मुख्यालय में पहुंचीं थी और लगभग 4.42 बजे शाम को बाहर निकलीं. ममता की मौजूदगी की वजह से सैकड़ों की संख्या में तृणमूल कार्यकर्ताओं ने सीबीआई दफ्तर को घेर लिया था, जिसकी वजह से गिरफ्तार नेताओं को सशरीर बैंकशाल अदालत ले जाना संभव नहीं हो पाया. इसके बाद जांच एजेंसी के वकील ने वर्चुअल पेशी की अर्जी लगाई जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
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क्या है पूरा मामला
नारद स्टिंग मामले में कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर धन लिए जाने के मामले का खुलासा हुआ था. नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए थे. यह टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सार्वजनिक हुआ था. कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में मार्च 2017 में सीबीआई जांच का आदेश दिया था.