Corona से निपटने के लिए सेना के 400 रिटायर्ड डॉक्टर देश भर में होंगे तैनात
नई दिल्ली/दि. 9 – कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सेना पूरी तरह से एक्शन में है. ऑक्सीजन की सप्लाई हो या फिर मेडिकल उपकरणों को जल्द से जल्द पहुंचाना- सेना अपने काम में जुटी हुई है. इसी बीच देश में डॉक्टर्स की क्राइसिस को देखते हुए रक्षा मंत्रालय के आदेश के बाद थलसेना, वायुसेना और नौसेना के सेवानिवृत्त डॉक्टरों को रीकॉल किया गया है. इन्हें अलग-अलग जगहों पर तैनात किया जाएगा. सेना मेडिकल कोर के स्थायी कमीशन और शार्ट सर्विस कमीशन के सेवानिवृत्त डॉक्टरों की कॉन्ट्रैक्ट पर ज्वाइन करा रही है. सेना के सेवानिवृत्त डॉक्टर्स की तैनाती का 11 महीनों के लिए की जा रही है. शनिवार को रक्षा मंत्रालय ने महानिदेशक एएफएमएस को आदेश जारी किया था, जिसके बाद साल 2017-2019 के बीच रिटायर हुए डॉक्टर्स को ज्वाइनिंग दी जा रही है. डॉक्टरों के लिए वेतन उनकी अंतिम सैलरी के बेसिक पे और स्पेशलिस्ट अलाउंसेज को जोड़कर दिया जाएगा. 11 महीने के कॉन्ट्रैक्ट के तहत वेतन में कोई बदलाव नहीं होगा. सिविलियन मानकों के तहत चयनित डॉक्टरों को मेडिकल रूप से फिट रहना होगा.
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सीडीएस ने पीएम से मुलाकात में दिया था प्रस्ताव
पिछले दिनों ही सीडीएस जनरल बिपिन रावक्त ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान ये बात कही थी कि कोविड-19 से उपजे हालात को देखते हुए सेना के रिटायर्ड डॉक्टर्स को दोबारा तैनात किया जाएगा और मिलिट्री अस्पतालों को भी आम लोगों के लिए खोला जाएगा. सीडीएस ने महानिदेशक एएफएमएस को सेवानिवृत डॉक्टरों की भर्ती का प्रस्ताव बनाने का आदेश दिया. जिसे राष्ट्रपति से अनुमति मिलने के बाद अब इन डॉक्टर्स की भर्ती की जा रही है. इससे देश भर के मिलिट्री और नॉन मिलिट्री अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों को इलाज मिलने में आसानी हो सकेगी.
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आपदा में सेना कर रही है सहयोग
कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने जब देश को बेबसी की हालत में लाकर खड़ा कर दिया तो सेना लोगों का जीवन बचाने के लिए मैदान में उतर गई. मेकशिफ्ट कोविड अस्पताल बनाने की बात हो या फिर ऑक्सीजन टैंकर पहुंचाने की, सेना ने युद्धस्तर पर काम करके देश को आपदा से निकालने में सहयोग दिया है. अब मिलिट्री अस्पतालों में लोगों के इलाज और सेवानिवृत्त डॉक्टर्स को रीअप्वाइंट करके भी देश की सेहत सुधारने में सेना फ्रंटलाइन में खड़ी है.