नई दिल्ली/दि.२७– लंबे समय तक नजरंदाज रही देश की लाइफ लाइन रेलवे (Life Line Railway) की अब तस्वीर बदलने जा रही है. रेल मंत्रालय देश के 400 स्टेशनों को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने का काम तेजी से आगे बढ़ा रहा है. पहले चरण में 74 स्टेशनों पर काम किया जा रहा है. इन स्टेशनों पर शॉपिंग मॉल से लेकर मल्टीप्लेक्स तक की सुविधा मिलेगी. इससे जहां रेलवे की कमाई में बढ़ोत्तरी होगी, वहीं लोगों को भी मनोरंजन और शॉपिंग के नए ठिकाने मिल सकेंगे.
IRSDC MD के रूष्ठ एस के लोहिया के मुताबिक नए रेलवे स्टेशनों में भव्यता के साथ साथ यात्रियों की जरूरतों और मनोरंजन का भी ख्याल रखा जाएगा. पहले चरण में देश के 74 रेलवे स्टेशन पर काम जारी है. ये रेलवे स्टेशन Public Private Partnership के तहत विकसित किए जा रहे हैं. इनमें से गांधीनगर और भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन इसी साल दिसंबर तक बनकर तैयार हो जाएंगे.
उन्होंने बताया कि गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर फाइव स्टार होटल भी होगा. इसके अलावा कमर्शियल सेंटर और स्विमिंग पूल से लेकर विश्वस्तर की तमाम सुविधाएं मौजूद होगी. वहीं हबीबगंज रेलवे स्टेशन को करीब 140 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है और वहां पर शॉपिंग व मनोरंजन की तमाम सुविधाएं होंगी. इन दोनों स्टेशनों के अलावा बाकी के रेलवे स्टेशनों पर भी काम शुरू कर दिया गया है.
लोहिया के मुताबिक जो लोग ट्रेनों से यात्रा नहीं करते हैं. लेकिन उन्हें अपने परिवार के साथ पार्टी करनी है या फिर किसी से मीटिंग करनी है तो वे इन रेलवे स्टेशनों पर जाकर आयोजन कर सकेंगे. सीधे शब्दों में कहें तो ये रेलवे स्टेशन आवागमन और यात्रियों की सुख सुविधा के लिहाज से एयरपोर्ट की तर्ज पर काम करेंगे.
जानकारी के मुताबिक दिल्ली के तीन रेलवे स्टेशन आनंद विहार, बिजवासन और सफदरजंग रेलवे स्टेशन को भव्य रूप देने का प्लान है. लोहिया के मुताबिक रेलवे स्टेशनों के कायापलट के इन प्रोजेक्टों में बड़े पैमाने पर कंपनियां पैसा निवेश करेंगी. इससे कोरोना संकट में बेरोजगारी से जूझ रहे लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा.
एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित होने के बाद इन रेलवे स्टेशनों की सुविधाएं इस्तेमाल करने के लिए लोगों को अपनी जेब ढीली करनी होगा. उन्हें न केवल यूजर चार्ज देना होगा बल्कि तमाम सुविधाओं के चलते सफर भी महंगा हो सकता है.