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दुनियाभर में 463 मिलियन बच्चे वर्चुअल स्कूलिंग तक नहीं पहुंच पा रहे

यूनीसेफ ने कहा वैश्विक शिक्षा आपात की स्थिति निर्माण

नई दिल्ली/दि.२७– संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) ने कहा कि कोविड-19 (Covid19) महामारी के चलते बंद स्कूलों की वजह से दूरस्थ शिक्षा पर जोर है, लेकिन दुनिया के करीब एक तिहाई (463 Million) बच्चों के पास इसकी पहुंच ही नहीं है. इससे वैश्विक शिक्षा आपात की स्थिति उत्पन्न हो गई है. यूनीसेफ ने कहा कि कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए लागू लॉकडाउन एवं स्कूल बंदी की वजह से करीब डेढ़ अरब बच्चे प्रभावित हुए हैं.
46.3 करोड़ बच्चों के पास दूरस्थ शिक्षा का साधन नहीं
यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरियेटा फोरे ने कहा, कम से कम 46.3 करोड़ (463 Million) ऐसे बच्चे हैं जिनके स्कूल कोविड-19 की वजह से बंद हैं और उनके पास दूरस्थ शिक्षा का साधन नहीं है. हेनरियेटा ने कहा, बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जिनकी पढ़ाई महीनों तक पूरी तरह से बाधित रही है और इससे वैश्विक शिक्षा आपातकाल की स्थिति उत्पन्न हो गई है. एब बयान में फोरे ने कहा, इसका नकारात्मक असर आने वाले दशकों तक अर्थव्यवस्था और समाज पर देखने को मिलेगा.
यूनीसेफ द्वारा बुधवार देर रात जारी रिपोर्ट में इलाके वार असमानता को रेखांकित किया गया, जिसके मुताबिक अफ्रीका के उप सहारा क्षेत्र के स्कूलों में अधिकतर बच्चे प्रभावित हुए हैं. वहीं संख्या के हिसाब से दक्षिण एशिया (South Asia) में सबसे अधिक 14.7 करोड़ बच्चे दूरस्थ शिक्षा माध्यम से महरूम हैं.
ग्रामीण इलाके के बच्चे सबसे अधिक प्रभावित
यूनीसेफ ने बताया कि रिपोर्ट बनाने में गृह आधारित प्रौद्यागिकी और दूरस्थ अध्ययन के लिए जरूरी उपकरण जैसे टेलीविजन, रेडियो और इंटरनेट एवं इन माध्यमों से पढ़ाई जाने वाली सामग्री को आधार बनाया गया है. एजेंसी ने कहा कि गरीब घरों और ग्रामीण इलाके के बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं.

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