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महाराष्ट्र समेत पांच राज्यों के 7,000 से ज्यादा गांवों को दी जाएगी 4जी कनेक्टिविटी

प्रधानमंंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फैसला

  • नक्सल प्रभावित और दूरस्थ अंचलों में 32,152 किमी सडकें बनाने की मंजूरी

नई दिल्ली/दि.18 – केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, छर्त्तीसगढ, झारखंड और ओडिशा के 44 जिलों के 7,266 से अधिक गांवों में 4जी मोबाइल टावर कनेक्टिविटी देने का निर्णय लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ.
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया, इन राज्यों के 44 आकांक्षी जिलों के 7266 गांवों में मोबाइल टावर कनेक्टिविटी दी जाएगी. इस परियोजना पर 6,466 करोड रुपए खर्च होंगे. इससे इन क्षेत्रों के लोग ई-गवर्नेस का लाभ उठा सकेंगे. इसके साथ ही कैबिनेट ने नक्सल प्रभावित इलाकों सहित दूरदराज के अंचलों में 32,152 किमी सडकें बनाने की मंजूरी दी. ये सडकें उन इलाकों में बनाई जाएंगी जो प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के पहले और दूसरे चरण में शामिल नहीं किए गए थे. सडकें घने जंगलों, पहाडों और नदियों से होकर गुजरेंगी. इन पर 33,822 करोड रुपए खर्च होने का अनुमान है.

गडचिरोली समेत प्रदेश के चार जिलों में पहुंचेगी मोबाइल सेवा

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि, इस परियोजना के तहत महाराष्ट्र के चार आकांक्षी जिले गडचिरोली, वाशिम, नंदूरबार और उस्मानाबाद के 610 गांवों में मोबाइल सेवा पहुंचाई जाएगी. उन्होंने बताया कि, इसके लिए अगले 4 से 6 महीने मेें टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. इसके बाद 18-24 महीने के भीतर काम पूरा होगा और लोगों को कनेक्टिविटी मिलेगी. उनका कहना है कि, मोबाइल सेवा पहुंचने से इन जिलों के दूरदराज में रहने वाले लोगों तथा छात्रों को बहुत लाभ मिलेगा.

पूरा नहीं हो पाया लक्ष्य

गौरतलब है कि, सरकार ने महाराष्ट्र सहित देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को मार्च 2019 में ही डिजिटल कनेक्टिविटी से लैस करने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन इसका लक्ष्य बार-बार बढाया गया और अंत में इसे अगस्त 2021 में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया, लेकिन महाराष्ट्र, पंजाब सहित आधा दर्जन से भी ज्यादा राज्यों मेें इसके काम को गति नहीं मिल सकी. यदि तय लक्ष्य के मुताबिक काम पूरा होता तो महाराष्ट्र के आकांक्षी जिले भी डिजिटल कनेक्टिविटी के दायरे में आ जाते. ऐसे में चार जिलों को चुने जाने की वजह पूछे जाने पर मंत्री ने जवाब को टाल दिया.

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