50,00 सांप बचाने वाली बुलढाणा की वनिता को नारी शक्ति सम्मान
महाराष्ट्र की तीन महिलाओं समेत 29 महिलाएं सम्मानित
नई दिल्ली/ दि.9 – सांप को देखकर ही ज्यादतर लोगों के डर के मारे पसीने छूट जाते है, लेकिन महाराष्ट्र के बुलढाणा की सर्पमित्र वनिता जगदेव बोराडे इस मूक प्राणी की रक्षक है. वे अब तक 50,000 से ज्यादा सांपों को बचा चुकी है. देश की इस प्रथम ‘स्नेक रेस्क्यूअर महिला’ को आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया. इनके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने और उल्लेखनीय समाज सेवा कार्य करने वाली कुल 29 महिलाओं को महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति ने नई दिल्ली में सम्मानित किया. इनमें तीन महिलाएं महाराष्ट्र की हैं.
वनिता सांपों को बचाने के साथ ही उनके संरक्षण के लिए जागरुकता अभियान भी चलाती है. वनिता सांपों को ऐसे पकडती है जैसे लोग अपने दोस्तों से मिलते है. लोग उनकी हिम्मत देखकर दांतो तले उंगलियां दबा लेते हैं.
* सायली की राह नहीं रोक सका डाउन सिंड्रोम : सायली आगवणे एक कथक नृत्यांगना हैं, जिनके सपनों की उडान में डाउन सिंड्रोम बाधा नहीं बन पाया. उन्होंने दुनिया के कई देशों में 100 से अधिक कार्यक्रमों में मोहक नृत्य प्रदर्शन कर लोगों को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया है. ग्लोबल ओलंपियाड डांस प्रतियोगिता में उन्हें कांस्य पदक मिल चुका है.
* महिलाओं को रोजगार देने वाली उद्यमी कमल : पशुपालन के क्षेत्र में कुशल उद्यमी कमल कुंभार ने 1998 में कमल पोल्ट्री एंड एकता सखी प्रोड्यूसर कंपनी की स्थापना की, जिसने सूखाग्रस्त उस्मानाबाद के हिंगलजवाडी नामक गांव में रहती हैैं और चूडियों से लेकर साडी बेचने तक के कई बिजनेस कर चुकी है.