नई दिल्ली/दि.२०– पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा पर भारतीय सेना ने पिछले 20 दिनों में बड़ी कामयाबी हासिल की है. भारतीय सेना ने पिछले 20 दिनों में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के मंसूबों पर पानी फेरते हुए चीन की सीमा पर छह नई पहाडिय़ों पर कब्जा कर लिया है. चीनी सेना भारतीय सेना पर हावी होने के वास्ते इन पहाडिय़ों पर कब्जा करना चाहती थी.
सरकार के उच्च सूत्रों ने बताया, हमारे जवानों ने छह नई बड़ी पहाडिय़ों पर कब्जा कर लिया है जिसमें मागर हिल, गुरुंग हिल, रेजांग ला राचाना ला, मोखपारी और फिंगर 4 रिज लाइन पर सबसे बड़ी चोटियां शामिल हैं.
सूत्रों ने बताया कि ये पहाडिय़ां दक्षिण से उत्तरी किनारे तक फैली हुई हैं. इस कामयाबी ने जारी संघर्ष के बीच भारत को विशिष्ट क्षेत्रों में चीन पर बढ़त दिला दी है.
सूत्रों ने बताया कि भारतीय और चीनी सेना के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के साथ ऊंचाइयों पर कब्जा करने के लिए संघर्ष 29 अगस्त के बाद शुरू हुआ, जब चीनी ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के पास थाकुंग क्षेत्र के दक्षिण में ऊंचाइयों पर कब्जा करने की कोशिश की.
सूत्रों के मुताबिक उस दौरान चीनी सेना की पहाडिय़ों पर कब्जा करने की कोशिशों को नाकाम करने के लिए पैंगोंग के उत्तरी तट से लेकर झील के दक्षिणी किनारे तक कम से कम तीन मौकों पर हवाई फायरिंग करनी पड़ी थीं.
सूत्रों ने यह भी साफ किया कि ब्लैक टॉप और हेलमेट टॉप पहाडिय़ां एलएसी के चीनी हिस्से में हैं, जबकि भारतीय पक्ष द्वारा कब्जा की गई चोटियां भारतीय क्षेत्र में एलएसी पर हैं. भारतीय सेना द्वारा चोटियों पर कब्जा किए जाने के बाद चीनी सेना ने अपनी संयुक्त ब्रिगेड की लगभग 3,000 अतिरिक्त टुकडिय़ों को तैनात किया है. इसमें रेजांग ला और राचाना ला हाइट्स के पास इंफैट्री और बख्तरबंद सैनिक शामिल हैं.
पिछले कुछ हफ्तों में अतिरिक्त सैनिकों के साथ चीनी सेना की मोल्डो गैरीसन भी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा पूरी तरह से सक्रिय की गई है.
बता दें कि चीनी आक्रामकता के बाद भारतीय सुरक्षा बल बहुत समन्वय के साथ काम कर रहे हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सीडीएस जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नणवाने की निगरानी में सैन्य ऑपरेशन किए जा रहे हैं.