4800 करोड़ के 660 मेगावेट प्रकल्प से व्यवसायिक विद्युत निर्मिति
बॉयलर ड्रेेनेबल हाइड्रोलिक जांच हुई सफल
भुसावल/दि.9– दीपनगर औष्णिक बिजली निर्मिति केंद्र के 4800 करोड़ रुपए खर्च से बनाये गए 660 मेगावेट प्रकल्प के बॉयलर ड्रेनेबल हायड्रोलिक जांच सफल होने के बाद अब स्टेशन ट्रान्सफार्मर चार्जिंग, बॉयलर लाइटअप प्रक्रिया पूरी होगी. पश्चात इस संच से जुलाई 2023 तक व्यवसायिक बिजली निर्मिति होगी. महानिर्मिती का सुपर क्रिटिकल तकनीकी ज्ञाप पर आधारित यह राज्य का दूसरा तो नासिक विभाग का पहला प्रकल्प होगा.
दीपनगर औष्णिक केंद्र के 660 मेगावेट सुपर क्रिटिकल प्रकल्प से जून 2022 तक बिजली निर्मिति करने का नियोजन था. लेकिनक कोरोना लॉकडाऊन के कारण करीबन 10 महीने प्रकल्प का काम नहीं हुआ. लॉकडाउन के बाद कामगार न मिलने से फिर देरी हुई. पश्चात काम को गति देकर प्रकल्प के बॉयलर ड्रेनेबल हायड्रोलिक जांच दिवाली के समय सफलतापूर्वक लिया गया. अब जनवरी 2023 में प्रकल्प का सबसे महत्वपूर्ण घटक स्टेशन ट्रान्सफॉर्मर चार्जिंग होगा. संयंत्र चलाने के लिये ग्रीड से विद्युत आपूर्ति ली जाएगी. पश्चात बॉयलर लाइटअप किया जाएगा. इस प्रकल्प से जून 2023 मं बिजली निर्मिती शुरु की जाएगी. 28 दिनों की जांच के बाद जुलाई 2023 से व्यवसायिक निर्मिति का नियोजन किया गया है.
* क्षमता होगी 1870 मेगावॅट
दीपनगर केंद्र में फिलहाल 210 मेगावेट संच क्रमांक तीन एवं 500 मेगावेट दो संच (क्रमांक चार एवं पांच) ऐसे कुल तीन संच कार्यान्वित है. उनकी कुल क्षमता 1210 मेगावेट है. जिसमें अब 660 मेगावेट के नये प्रकल्प का समावेश होगा. इसलिए दीप नगर औष्णिक बिजली निर्मिति केंद्र की क्षमता 1,870 मेगावेट होगी.
नासिक का सबसे बड़ा बॉयलर
दीपनगर सुपर क्रिटिकल तकनीकीज्ञान का बॉयलर यह नासिक विभाग का सबसे बड़ा बॉयलर होगा. कोरोना, 2 वर्ष की अतिरिक्त बारिश के कारण प्रकल्प को विलंब हुआ. लेकिन प्रकल्प अब पूर्णावस्था की प्रक्रिया में है. जुलाई 2023 तक इससे व्यवसायिक बिजली निर्मिती का नियोजन है.
– विवेक रोकडे, मुख्य अभियंता