नई दिल्ली/दि.30 – त्योहारी मांग के बीच लगभग सभी तेल-तिलहन की कीमतों में तेजी का दौर जारी है. वहीं सरसों की कम आवक होने के कारण और बढ़ती जरूरतों के बीच भाव में बढ़ोतरी का सिलसिला थम नहीं रहा. फिलहाल सरसों दाने का भाव 9400 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि नई फसल आने के वक्त सरसों के पुराने दाने की मांग बढ़ेगी, जिससे दाम में और तेजी देखने को मिल सकती है.
वहीं विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच स्थानीय त्योहारी मांग बढ़ने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में गुरुवार को सोयाबीन तेल तिलहन, सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में सुधार रहा. त्योहारी मांग के बावजूद लिवाली कमजोर रहने से बाकी तेल तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे. मलेशिया एक्सचेंज में 3.1 प्रतिशत की तेजी रही जबकि शिकागो एक्सचेंज में डेढ़ प्रतिशत की तेजी रही. विदेशों की इस तेजी का असर स्थानीय तेल-तिलहन कीमतों पर भी दिखाई दिया और भाव लाभ दर्शाते बंद हुए.
मलेशिया एक्सचेंज के मजबूत होने से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में सुधार आया. सीपीओ में 80 रुपए, पामोलीन दिल्ली में 100 रुपए और पामोलीन कांडला में 100 रुपए का सुधार आया. वहीं, शिकागो एक्सचेंज के मजबूत होने से सोयाबीन दिल्ली में 10 रुपए, सोयाबीन इंदौर में 10 रुपए और सोयाबीन डीगम के भाव में 50 रुपए का सुधार देखने को मिला. डीओसी की मांग थोड़ा कमजोर रहने के बावजूद सोयाबीन दाना और लूज के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे.
उन्होंने कहा कि पिछले साल सहकारी संस्था नेफेड ने एनसीडीईएक्स में अपने स्टॉक रखा था, जिसे बाद में नेफेड ने बेचा था. इस तेल की डिलीवरी बगैर कंडीशन के व्यापारियों को मिली थी लेकिन इस बार जो कोई व्यापारी एनसीडीईएक्स से माल लेगा उसे यह 42 प्रतिशत कंडीशन पर मिलेगा.
सरसों तेल के विशेषज्ञों का मानना है कि नई फसल आने के समय सरसों के पुराने दाने की मांग बढ़ती है और सरकार को इन स्थितियों को ध्यान में रखकर कदम उठाने होंगे. सूत्रों ने कहा कि सलोनी, शम्साबाद में सरसों का भाव 9,350 रुपए से बढ़ाकर 9,400 रुपए क्विंटल कर दिया गया. इस तेजी के बावजूद सरसों तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे.