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5 वर्ष मेें 98 विद्यार्थियों ने लगाया मौत को गले

केंद्रीय शिक्षा संस्थाओं को लेकर सरकार ने दी जानकारी

* करियर की चिंता व अकेलापन रहे मुख्य वजह
नई दिल्ली दि.29 – विगत 5 वर्षों के दौरान केंद्रीय विद्यापीठ आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी, आईआईएम व आईआईएसईआर जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों में 98 विद्यार्थियों द्बारा आत्महत्या की गई. इस आशय की जानकारी केंद्र सरकार द्बारा संसद में पेश की गई है. साथ ही बताया गया है कि, अधिकांश मामलों में कारियर की चिंता व अकेलापन सबसे मुख्य वजह रहे.
केंद्र सरकार द्बारा दी गई जानकारी के मुताबिक इन संस्थाओं में वर्ष 2018 में 21 विद्यार्थियों ने आत्महत्या की थी. वहीं वर्ष 2019 में यह संख्या 19 थी. इसके बाद वर्ष 2020 में 3 व वर्ष 2021 में 4 विद्यार्थियों ने आत्महत्या की. वहीं वर्ष 2022 में यह संख्या 24 थी. साथ ही जारी वर्ष 2023 में अब तक 20 विद्यार्थी आत्महत्या कर चुके है. यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार द्बारा संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी गई है.

* 25 हजार से अधिक पिछडा वर्गीय विद्यार्थियों ने छोडा आईआईटी
इसके साथ ही यह भी पता चला है कि, अनुसूचित जाति (एससी) अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछडा वर्गीय (ओबीसी) व अन्य अल्पसंख्यक गुट जैसे आरक्षित संवर्ग से वास्ता रखने वाले 25 हजार 593 विद्यार्थियों ने विगत 5 वर्षों के दौरान केंद्रीय विद्यापीठ व भारतीय तंत्रज्ञान संस्था (आईआईटी) में अपनी पढाई को बीच में ही छोड दिया है और वे इन शिक्षा संस्थानों को बीच में ही छोडकर बाहर निकल गए है.

* आईआईटी में किस वर्ष कितनी आत्महत्याएं?
वर्ष मामले
2018-19 08
2020 03
2021 04
2023 07

* केंद्रीय विद्यापीठ में किस वर्ष कितनी आत्महत्याएं?
वर्ष मामले
2018 08
2019-20 02
2021 01
2022 04
2023 09

* आत्महत्या की वजहें
राष्ट्रीय अपराध अभिलेख विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 3 आत्महत्याओं के पीछे व्यवसायिक व करियर की समस्यां, अकेलेपन की भावना, दुर्व्यवहार, हिंसाचार, पारिवारिक समस्यां व मानसिक विकार जैसे विभिन्न वजहें कारणीभूत है.

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