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देश में नेशनल इमरजेंसी जैसी स्थिति, केंद्र को भेजा नोटिस

कोरोना के हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा

नई दिल्ली/दि.२२ – देश में कोरोना के हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चिंता जताई है. शीर्ष अदालत के चीफ जस्टिस ने कहा कि देश में कोविड से हालात नेशनल इमरजेंसी जैसे हो गए हैं. देश में कोरोना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतर्‍ संज्ञान लिया है. कोर्ट ने चार मुद्दों पर स्वतर्‍ संज्ञान लिया है, जिसमें ऑक्सीजन की सप्लाई और वैक्सीन का मुद्दा भी शामिल है. सीजेआय एस ए बोबडे ने केंद्र को इस पर नोटिस जारी किया है. CJI ने कहा कि हम आपदा से निपटने के लिए नेशनल प्लान चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 6 हाईकोर्ट इन मुद्दों पर सुनवाई कर रहे हैं. हम देखेंगे कि क्या मुद्दे अपने पास रखें. कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन लगाने का अधिकार राज्यों को होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो ऑक्सीजन की सप्लाई, जरूरी दवाओं की सप्लाई, वैक्सीन लगाने का तरीका और प्रक्रिया और लॉकडाउन के मुद्दे पर विचार करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर अलग-अलग राज्यों में हो रही सुनवाइयों पर कहा कि दिल्ली, मध्य प्रदेश, बॉम्बे, कलकत्ता, सिक्किम और इलाहाबाद हाईकोर्ट मामले की सुनवाई कर रहे हैं, हालांकि वो अच्छे हित के लिए सुनवाई कर रहे हैं, लेकिन इससे भ्रम हो रहा है और संसाधन डाइवर्ट हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणियां तब आई, जब गुरुवार को वेदांता कंपनी की उस याचिका पर सुनवाई हो रही थी, जिसमें कंपनी ने अपने प्लांट को ऑक्सीजन पैदा करने के लिए खोले जाने के लिए अनुमति मांगी है. तमिलनाडु याचिका पर सुनवाई कल चाहता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कोविड की स्थिति पर कई मुद्दों को लेकर स्वतर्‍ संज्ञान लिया और कहा कि देश में हालात नेशनल इमरजेंसी जैसे बन गए हैं.
बता दें कि अभी बुधवार को भी दिल्ली हाईकोर्ट में ऑक्सीजन संकट के मसले पर एक सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी. हाईकोर्ट ने देशभर में अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई में आ रही बाधा और बढ़ते मौतों को लेकर कहा कि इस महामारी की हालत देखकर लगता है कि सरकार को लोगों के जान जाने की फिक्र नहीं है.

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