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316 करोड रुपए की अवैध संपत्ति एसीबी ने की जब्त

शिक्षा विभाग के 40 रिश्वतखोरों पर एक साल बाद भी निलंबन की कार्रवाई नहीं

नई दिल्ली /दि. 28– राज्य में एक वर्ष में प्रथम श्रेणी अधिकारियों से लेकर सिपाही तक 60 रिश्वतखोरों ने विभिन्न मार्गो से 316 करोड 86 लाख 51 हजार 401 रुपए की अवैध संपत्ति जमा की रहने की बात एसीबी विभाग की जांच में सामने आई है.
सालभर में 667 घूसखोरों ने 3 करोड 15 लाख 89 हजार 410 रुपए की रिश्वत ली. उन्हें इस प्रकरण में गिरफ्तार किया गया. लेकिन अब तक 170 रिश्वतखोरों पर निलंबन की कार्रवाई न होने की बात सामने आई है. इसमें निलंबित न किए गए सर्वाधिक घूसखोरों में 40 अधिकारी, कर्मचारी यह शिक्षण और क्रीडा विभाग के है. 2024 वर्ष में एसीबी विभाग ने अपनी भूमिका कडाई से निभाते हुए 977 रिश्वतखोरों के खिलाफ राज्य में 667 मामले दर्ज किए तथा अवैध संपत्ति प्रकरण में 30 मामले और अन्य भ्रष्टाचार के 7 मामले है. कुल 704 मामले 1069 रिश्वतखोरों पर 7 विभाग में दर्ज किए. इन रिश्वतखोरों में से जाल बिछाकर रिश्वत लेनेवालों की संख्या 667 है. इसमें प्रथम श्रेणी 62, द्वितीय श्रेणी 100, तृतीय श्रेणी 500, चतुर्थ श्रेणी 47 और इन घूसखोरों के 103 फंटर का समावेश है. सालभर में रिश्वतखोरों ने 3 करोड 15 लाख 89 हजार 410 रुपए की रिश्वत ली तथा विभिन्न मार्ग से 316 करोड 86 लाख 51 हजार 401 रुपए से अधिक की संपत्ति जमा करने के प्रकरण में 60 लोगों पर मामले दर्ज हुए. इसमें प्रथम श्रेणी के रिश्वतखोरों ने 9 करोड 56 लाख 66 हजार 736, द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों ने 3 करोड 51 लाख 68 हजार 215, तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों ने 3 करोड 23 लाख 1 हजार 577 तथा अन्य लोकसेवकों ने 153 करोड 72 लाख 28 हजार 576 रुपए की संपत्ति आय से अधिक इकठ्ठा की रहने की बात एसीबी की जांच में सामने आई है. रिश्वत लेनेवालो में 29 अधिकारी क्लास-1 तथा क्लास-2 के 28 और क्लास-3 के 105 लोगों का समावेश है.

* घूसखोरी में 6 विभाग अव्वल
विभाग                 मामले
राजस्व                  177
पुलिस                   133
महावितरण             40
जिला परिषद           40
पंचायत समिति        60
शिक्षण विभागय       37

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