देश दुनिया

अब उम्र पैमाना नहीं, गाड़ी फिट है तभी सड़कों पर फर्राटा भर पाएगी

नई स्क्रैप पॉलिसी

नई दिल्ली दि १८ – अब आपकी गाड़ी उम्र से नहीं बल्कि उसकी फिटनेस के आधार पर सड़क पर दौड़ सकेगी. आने वाले दिनों में सरकार आपकी गाड़ी को गैर पंजीकृत (deregister) कर सकती है, अगर आपकी गाड़ी फिटनेस में फेल होती है. सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने गुरुवार को लोकसभा में गाड़ियों की स्क्रैप पॉलिसी (Scrap Policy) की घोषणा की.
गडकरी ने कहा कि कमर्शियल गाड़ियां 15 साल में (deregister) हो जाएंगी, अगर फिटनेस में फेल होती हैं. अगर 15 साल के बाद फिटनेस पाई जाती है तो ज्यादा फीस देकर गाड़ी रजिस्टर करानी होगी.निजी वाहनों की बात करें तो 20 साल की उम्र के बाद अगर फिटनेस में फेल हुईं तो deregister कर दी जाएंगी. प्राइवेट गाड़ियों को 15 साल के बाद फिर से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और इसकी ज़्यादा कीमत देनी होगी.
सरकारी गाड़ियां 15 साल बाद खुदबखुद deregister हो जाएंगी. स्क्रैप सर्टिफिकेट दिखाने पर नई गाड़ियों लेने के वक्त 5% तक की छूट मिलेगी. नितिन गडकरी से जब पत्रकारों ने पूछा कि एनजीटी का आदेश कुछ और कहता है और स्क्रैपिंग पॉलिसी कुछ और? इस पर गडकरी बोले कि संसद सुप्रीम है. कानून बनाने का अधिकार हमारा है और फिर भी अगर कानूनी सलाह की जरूरत पड़ी तो ली जाएगी. सरकार का दावा है कि 20 साल से पुराने हल्के वाहन की संख्या 51 लाख है.15 साल से पुराने हल्के वाहन की तादाद 34 लाख है.15 साल से पुराने मीडियम और हेवी कमर्शियल व्हीकल की संख्या 17 लाख है जो बिना वैध फिटनेस सर्टिफिकेट के सड़कों पर दौड़ रही हैं. सरकार का मानना है कि बिना फिटनेस सर्टिफिकेट वाले वाहन 10 से 12 गुना पर्यावरण को ज्यादा प्रदूषित करते हैं.सरकार कह रही है कि पहले गाड़ियों को deregister करवाने की प्रक्रिया जटिल थी. इससे सड़कों पर सालों से पड़ी पुरानी गाड़यों का भी आसानी de रजिस्ट्रेशन मुमकिन नहीं हो पाता था.
एनडीटीवी ने उनसे पूछा कि सड़क पर पुरानी गाड़ी काफी समय और सालों से पड़ी रहती है, इस पॉलिसी के बाद उनको कैसे हटाए जाएगा? इस पर जवाब देते हुए सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के सचिव गिरिधर अरमाने ने बताया कि अभी गैर पंजीकृत करने की प्रक्रिया कठिन है. वाहन मालिक को आरटीओ ऑफिस जाना पड़ता है. काफी चक्कर लगाने पड़ते हैं. तब भी पंजीकृत हट नहीं पाता है. नई पॉलिसी में इस प्रक्रिया को सरल किया गया है. ये काम ऑनलाइन हो सकेगा.

Related Articles

Back to top button