नई दिल्ली/दि.१४ – अकोला महानगर पालिका को सुप्रीम कोर्ट से बडी राहत मिल गई है. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें अकोला महानगर पालिका के नए दर से संपत्ति कर वसूलने के प्रस्ताव को रद्द कर दिया था. दरअसल अकोला नगर निगम प्रशासन ने भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस मैपिंग सिस्टम) के इस्तेमाल से शहर की संपत्ति का सटीक मूल्यांकन करके वर्ष 2015-16 में प्रॉपर्टी टैक्स का नया निर्धारण का प्रस्ताव पारित किया था, जिस पर 2017-18 से 2021-22 के लिए अमल किया जाना था. इसका विरोध करते हुए कांग्रेस के पार्षद जिशान हुसैन ने इसे नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी थी. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रॉपर्टी टैक्स की दरों में की गई बढोतरी के लिए अपनाई गई पद्धति पर सवाल उठाते हुए इसे रद्द कर दिया था और 2017 के पहले मूल्य के अनुसार ही प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने का आदेश दिया था. हालांकि अकोला महापालिका ने इस पर पुनर्विचार याचिका दायर की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने अपने पहले आदेश को बरकरार रखते हुए याचिका खारिज कर दी थी. इसके खिलाफ नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. महानगर पालिका की ओर से वरिष्ठ वकील सुहास कदम पैरवी कर रहे है.