नई दिल्ली/दि.२ – हाथरस गैंगरेप और हत्या के मामले को लेकर सवालों के घेर में आई यूपी पुलिस को लेकर अब बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने भी सवाल उठाए हैं. उमा भारती ने एक के बाद एक ट्वीट के जरिए प्रशासन पर सवाल उठाते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से इस मामले में इंसाफ की अपील की हैं. उमा भारती ने कहा है कि अगर मैं कोरोना पॉजिटिव ना होती तो आज उस परिवार के साथ वहां बैठी होती. यूपी से सांसद उमा भारती ने है सीएम से आग्रह किया है मीडिया और विपक्षी नेताओं को पीडि़त परिवार से मिलने दें. हमने राम राज्य का दावा किया था. हमने राम मंदिर का भी शिलान्यास किया है.
उमा भारती ने अपने 8 ट्वीट में लिखा, आदरणीय योगी जी आपको जानकारी होगी मैं एम्स ऋषिकेश एम्स में भर्ती हूं. आज मेरा 7वां दिन है इसलिए मैं अयोध्या मामले में सीबीआई कोर्ट में नहीं पहुंच पाई. मैं किसी से मिल नहीं सकती, फोन नहीं कर सकती, लेकिन टीवी है जिससे मुझे समाचार मिल रहे हैं.
उमा भारती ने लिखा,मैंने हाथरस की घटना देखी, पहले तो मुझे लगा कि मैं ना बोलूं क्योंकि मुझे लगा कि आप इस संबंध में ठीक ही कार्यवाही कर रहे होंगे. लेकिन जिस प्रकार से पुलिस ने गांव के पीडि़त परिवार की घेराबंदी की है उससे विभिन्न आशंकाएं जन्मती हैं.
ऐसा कोई नियम नहीं है कि परिवार किसी से ना मिले
एक अन्य ट्वीट में उमा भारती ने कहा, एक दलित परिवार की बिटिया था. बड़ी जल्दबाजी में पुलिस ने उसकी अत्येष्टि की और एक परिवार एवं गांव की पुलिस के द्वारा घेराबंदी कर दी गई है. मेरी जानकारी में ऐसा कोई नियम नहीं है कि एसआईटी जांच में परिवार किसी से मिल ना पाए.
इस घटना से आपकी और बीजेपी की छवि पर आंच आई है’
बीजेपी नेता ने अपने अगले ट्वीट में लिखा, हमने राम मंदिर का शिलान्यास किया है. देश में राम राज्य लाने का दावा किया है. किंतु इस घटना पर पुलिस की संदेहपूर्ण कार्यवाही से आपकी यानि यूपी सरकार की और बीजेपी की छवि पर आंच आई है.
उन्होने आगे लिखा, आप एक बहुत ही साफ सुथरी छवि के शासक हैं. मेरा आपसे अनुरोध है कि मीडियाकर्मियों को और अन्य राजनीतिक दलों के लोगों को पीडि़त परिवार के लोगों से मिलने दीजिए.
उमा भारती ने कहा,मैं कोरोना वार्ड में बहुत बेचैन हूं. अगर मैं कोरोना पॉजिटिव नहीं होती तो मैं भी उस गांव में उस परिवार के साथ बैठी होती. एम्स ऋषिकेश से छुट्टी होने पर मैं हाथरस में उस पीडि़त परिवार से जरूर मिलूंगी. मैं बीजेपी में आपसे वरिष्ठ एवं आपकी बड़ी बहन हूं. मेरा आग्रह है कि आप मेरे सुझाव को अमान्य मत करिएगा.