लोकायुक्त कानून के लिए अन्ना हजारे की आंदोलन की चेतावनी
राज्य के कार्यकर्ताओं को तैयार रहने की सूचना
अहमदनगर/प्रतिनिधि दि.१० – ज्येष्ठ समाजसेवक अन्ना हजारे ने कुछ दिनों पहले मंदिर खोलने की मांग के लिए भाजपा की ओर से होने वाले आंदोलन को समर्थन दिया था. बाद में वह विषय बखूबी टालते हुए अब फिर एक बार सक्षम लोकायुक्त कानून करने की मांग के लिए राज्य की महाविकास आघाडी सरकार के विरोध में हजारे ने आंदोलन पुकारा है.
राज्य में भ्रष्टाचार बढ चुका है. मंत्रियों के भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे है. बावजूद इसके वर्तमान सरकार जानबुझकर लोकायुक्त का विषय टाल रही है, इस तरह का आरोप करते हुए हजारे ने कार्यकर्ताओं को आंदोलन के लिए तैयार रहने की सूचना दी है. आंदोलन का स्वरुप और तारीख मात्र घोषित नहीं की गई. लोकपाल व लोकायुक्त इस विषय पर अब तक किये हुए आंदोलन और प्रयास आदि का संदर्भ देते हुए हजारे ने फिर एक बार इस विषय पर आंदोलन की भूमिका ली है. अन्ना हजारे ने कहा कि इस विषय पर 2011 में हुआ बडा आंदोलन और प्रयासों के बाद 1 जनवरी 2014 को देश में लोकपाल कानून मंजूर हुआ. किंतु केंद्र में सत्ता में आयी हुई मोदी सरकार इस पर अमल कर लोकपाल की नियुक्ति करने के लिए तैयार नहीं थी. उसके लिए फिर आंदोलन किया. उसके बाद मार्च 2019 में केंद्र सरकार ने लोकपाल की नियुक्ति की. यानी केंद्रीय लोकपाल कानून में अभी भी कुछ कमी है. वह दूर करने में नरेंद्र मोदी सरकार के पास अभाव है. किंतु केंद्र में लोकपाल अस्तित्व में आया, यह भारतीय जनता का निर्माण किया हुआ इतिहास है.