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एंटी ऑक्सीडेंट दवाएं मधुमेह के साथ कोरोना में भी फायदेमंद

नई दिल्ली /दि.१३ – ऐसे मरीज जो मधुमेह से पीडि़त हो और उन्हें कोरोना हो जाए तो खतरा कई गुना बढ़ जाता है. ऐसे मरीजों को एंटी ऑक्सीडेंट युक्त हर्बल दवाओंं से बहुत फायदा है. यह एक अध्ययन से साबित हआ है. तेहरान युनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज की ओर से किया गया अध्ययन भारत के संदर्भ में भी उपयोगी है, क्योकि देश में मधुमेह के उपचार में आयुर्वेदिक दवाओं का भी खूब इस्तेमाल हो रहा है.
नेशनल बोटेनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआई)के पूर्व वैज्ञानिक एवं बीजीआर-३४ की खोज करनेवाले वैज्ञानिक डॉ. एकेएस रावत शोध के दावों को महत्वपूर्ण मानते हैं. इनका कहना है कि इस दवा में दारूहरिद्रा, गिलोय, विजयसार, गुड़मार, मजीठ तथा मेथिका जैसे हर्ब मिलाए गये है जो रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित रखने के साथ साथ एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा भी बढ़ाते हैं. काऊंसिल ऑफ साइंटिफिक एड इंस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) ने बीजीआर-३४ दवा बनाई है. इस दवा में एंटी ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. अध्ययन के अनुसार जो लोग मधुमेह से ग्रस्त है और कोरोना से भी संक्रमित हो रहे है,उनकी कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने से हाईपरग्लेसिमिया की स्थिति पैदा हो रही है जिसमें खून में इंसुलिन की मात्रा एकदम से कम हो जाती है.
दूसरे कोरोना की वजह से प्रतिरोधक कोशिकाओं की कार्यप्रणाली भी बिगड़ रही है. दोनों का नतीजा यह है कि बीमारी गंभीर हो रही है तथा मौत का कारण भी बन रही है. दरअसल, साइटोकाइंस प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा उत्पन्न किए जानेवाले प्रोटीन है जो शरीर की प्रतिरोधक तंत्र को सक्रिय और नियंत्रित रखती है. लेकिन कोविड-१९ के संक्रमण में साइटोकाइंस अति सक्रिय हो जाते हैं जिसके चलते प्रतिरक्षा तंत्र काम नहीं कर पाता.

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