नई दिल्ली/दि. 18 – युक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने शुक्रवार को अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान सभी के लिए बेहतर भविष्य के नाते हरसंभव प्रयास का संकल्प जताया. संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दूसरे कार्यकाल के लिए महासचिव नियुक्त किए जाने के कुछ ही समय बाद गुटेरस ने यह बात कही. गुटेरस का दूसरा कार्यकाल एक जनवरी 2022 से शुरू होगा और 31 दिसंबर 2026 को समाप्त होगा. इससे पहले शक्तिशाली सुरक्षा परिषद ने 193 सदस्यीय संस्था के लिए एंटोनियो गुटेरस के पुन: निर्वाचन की सर्वसम्मति से सिफारिश की थी.
संरा महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर ने यह घोषणा की. बोजकिर ने 72 वर्षीय गुटेरस को संरा महासभा के हॉल में मंच पर शपथ दिलवाई. इससे पहले, आठ जून को 15 सदस्यीय परिषद की बैठक में महासचिव के पद के लिए सर्वसम्मति से गुटेरस के नाम की सिफारिश वाले प्रस्ताव को अपनाया गया था.
गुटेरस ने शपथ लेने के बाद महासभा में कहा कि यह एक अद्भुत क्षण है. मैं भावुक हो रहा हूं. आपने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के रूप में दूसरे कार्यकाल में सेवाएं देने के लिए मुझ पर जो भरोसा जताया है, उसके लिए मैं आभारी हूं और सम्मानित महसूस कर रहा हूं. संयुक्त राष्ट्र की सेवा करना विशेषाधिकार वाला है और अत्यंत पावन जिम्मेदारी है.
उन्होंने कहा कि दुनिया वास्तव में दोराहे पर खड़ी है. मानदंड बदल रहे हैं. पुरातनपंथी सोचों को त्यागा जा रहा है. हम आज जो चीजें चुन रहे हैं, उनसे अपना खुद का इतिहास लिख रहे हैं. यह किसी भी ओर जा सकता है- या तो संकट की स्थिति पैदा हो या सफलता मिले और सभी के लिए हरे-भरे, सुरक्षित और बेहतर भविष्य की संभावनाएं हों. आशावादी होने की ये ही वजहें हैं.
गुटेरस ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने हमारी संवेदनशीलताओं को, हमारे आपस में जुड़े रहने को और सामूहिक कदम उठाने की जरूरत को रेखांकित किया है.
उन्होंने कहा कि हम बेहतर भविष्य के लिए मिलकर काम करने की स्पष्ट प्रतिबद्धता के लिए हर जगह एक नयी मुहिम देखते हैं. मैं आपको वचन देता हूं कि सकारात्मक परिदृश्य में योगदान के लिए अपने दूसरे कार्यकाल में मेरे अधिकार क्षेत्र में जो संभव होगा, सब करूंगा.
एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि सभी जगह सभी के लिए टीकों की उपलब्धता जरूरी है और हमें विकसित और विकासशील दुनिया, दोनों में ही सतत तथा समावेशी बहाली के लिए स्थितियां पैदा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सब तभी संभव होगा जब हम उस विश्वास की कमी से पार पा लें, जिसने समाज पर असर डाला है.
भारत ने किया स्वागत भारत ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के रूप में एंटोनियो गुटेरस के पुन: निर्वाचन के लिए समर्थन जताया है और उनके नाम की अनुशंसा वाले प्रस्ताव को अपनाए जाने का स्वागत किया. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया कि भारत संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस को दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने की सिफारिश वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को पारित होने का स्वागत करता है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गुटेरस से मुलाकात की थी और दुनिया के शीर्ष राजनयिक के रूप में उनके दूसरे कार्यकाल के लिहाज से नई दिल्ली की ओर से समर्थन व्यक्त किया था. जयशंकर ने बैठक के बाद एक ट्वीट में कहा था कि भारत संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद के नेतृत्व को महत्व देता है, विशेष रूप से ऐसे समय में जब समय चुनौतीपूर्ण हो. दूसरे कार्यकाल के लिए उनकी उम्मीदवारी का समर्थन जताया. बाद में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य में भी जयशंकर के इस कथन को दोहराया गया.
अब 2026 के बाद ही कोई महिला कर सकती है इस वैश्विक संस्था का नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत महासचिव की नियुक्ति महासभा द्वारा सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर की जाती है. प्रत्येक महासचिव के पास दूसरे कार्यकाल का विकल्प होता है, यदि वे सदस्य राष्ट्रों से पर्याप्त समर्थन जुटा लें. गुटेरस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने विकास, प्रबंधन तथा शांति एवं सुरक्षा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार की प्रक्रिया में मिलकर भाग लिया है. मौजूदा सुधारों को मजबूत करने की जरूरत है.
संयुक्त राष्ट्र के नौवें महासचिव गुटेरस ने एक जनवरी, 2017 को शपथ ली थी और उनका पहला कार्यकाल इस साल 31 दिसंबर को समाप्त होगा. पुर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री एंटोनियो गुटेरस जून, 2005 से दिसंबर, 2015 तक एक दशक के लिए संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी उच्चायुक्त रहे थे. संयुक्त राष्ट्र के 75 वर्ष के इतिहास में कोई महिला महासचिव नहीं रही है और गुतारेस का पुन: निर्वाचन स्पष्ट करता है कि इस वैश्विक संस्था का नेतृत्व किसी महिला को 2026 के बाद ही मिल सकता है.