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म्यांमार में सेना का कत्ले आम.

24 घंटे में 82 प्रदर्शनकारियों को गोली मारी

म्यांमार दि ११- म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ जारी प्रदर्शन के बीच यहां खूनी संघर्ष जारी है. शनिवार को स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक दिन में यहां कम से कम 82 प्रदर्शनकारियों को सुरक्षाबलों ने गोली मार दी. 82 लोगों की मौत का आंकड़ा एसिसटेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स की तरफ से जुटाया गया है. यह संस्था रोजाना का आंकड़ा जुटाती है. एक फरवरी को आंग सांग सू की की सरकार को हटाने और सैन्य तख्तापलट के बाद से हो रहे विरोध प्रदर्शन  की घटनाओं पर यह संस्था नजर रखती है.
म्यांमार की ऑनलाइन न्यूज साइट म्यांमार नाऊ ने भी इस बात की पुष्टि की है कि सुरक्षाबलों ने 82 लोगों की हत्या कर दी है. सूत्र का नाम जाहिर ना करते हुए न्यूज साइट ने इस बात की जानाकरी दी है. कई अन्य स्थानीय मीडिया ने भी इस बात की पुष्टि की है कि 82 लोगों की हत्या की गई है.एसिसटेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स के मुताबिक तख्तापलट के बाद से म्यांमार के अलग-अलग इलाकों में अबतक 701 प्रदर्शनकारियों की हत्या की गई है.
कहा जा रहा है कि सुरक्षाबल रॉकेट ग्रेनेड और मोर्टार का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि एसोसिएडेट प्रेस ने इसकी पुष्टि नहीं की है लेकिन सोशल मीडिया पर मोर्टार शेल के टुकड़ों की तस्वीरें देखी गई हैं. देश के अलग-अलग इलाकों में अधिकांश प्रदर्शन अहिंसक प्रदर्शनकारियों की तरफ से किए जाए रहे हैं. ये लोग खुद को  सिविल डिसओबिडिएंस मूवमेंट का हिस्सा मानते हैं. पुलिस और सेना के हिंसक बल के इस्तेमाल के बाद से कई प्रदर्शनाकारियों ने हथियार उठाना शुरू कर दिए हैं. आत्मरक्षा के नाम पर ये लोग भी होम मेड फायर बम का इस्तेमाल कर रहे हैं.
नब्बे के दशक से हिरासत में रहीं आंग सान सू की की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (NLD) ने 2020 में राष्ट्रीय चुनाव में जीत हासिल की. सेना ने यह कहते हुए चुनाव नतीजों को खारिज कर दिया कि चुनाव में धांधली हुई है. हालांकि म्यांमार चुनाव आयोग ने सेना के आरोपों को खारिज कर दिया था. सेना संसद में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती थी जबकि आंग सान सू की ने लोगों से वादा किया था कि वो संविधान में सुधार करेंगी और म्यांमार में लोकतंत्र को अमली जामा पहनाएंगी. लेकिन सेना इसके खिलाफ है और अब 1 फरवरी 2021 को म्यांमार में तख्तापलट हो गया. जिसके बाद से लोकतंत्र समर्थक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जिन्हें दबाने के लिए सेना बल का प्रयोग कर रही है.

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